Last Updated: Monday, December 2, 2013, 19:30

मुंबई : देश का चालू खाते का घाटा (कैड) चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर की तिमाही में घटकर 5.2 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 प्रतिशत रह गया है।
निर्यात में सुधार व सोने का आयात घटने से कैड की स्थिति सुधरी है। विदेशी मुद्रा के अंत: एवं वाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है।
पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कैड 21 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 5 फीसद रहा था। रिजर्व बैंक के बयान में कहा गया है कि व्यापार घाटे में गिरावट तथा शुद्ध अदृश्य प्राप्तियों में बढ़ोतरी की वजह से 2013-14 की पहली छमाही में कैड घटकर 26.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 3.1 प्रतिशत रह गया। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में कैड 37.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 4.5 फीसद रहा था।
अप्रैल-सितंबर के दौरान कैड नीचे आने के बावजूद इस दौरान 10.7 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा भंडार निकासी हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 40 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी।
सरकार के साथ-साथ रिजर्व बैंक को भी उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में कैड 56 अरब डॉलर रहेगा, जो पिछले वित्त वर्ष में 88.2 अरब डॉलर या जीडीपी के 4.8 फीसद के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था। निर्यात में बढ़ोतरी के अलावा रिजर्व बैंक व सरकार द्वारा किए गए उपायों से सोने के आयात में भारी गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष कैड में सोने के आयात का मुख्य योगदान था। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 2, 2013, 19:30