Last Updated: Thursday, May 22, 2014, 17:48
नई दिल्ली : लाल फीताशाही और विलंब की शिकायतों के मद्देनजर डीजीसीए ने अपनी सेवाओं मसलन उड़ान परमिट, प्रमाण पत्र, विमान आयात और यहां तक कि उड़ान की समय सारणी जारी करने के लिए निर्धारित समय सीमा व शुल्कों का ढांचा पेश किया है।
प्रस्तावित टाटा-एसआईए एयरलाइन को छह महीने की समय सीमा से लाभ होने की संभावना है। नागर विमानन क्षेत्र के नियामक ने अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) की प्राप्ति के बाद छह महीने के भीतर एनओसी जारी करने के लिए यह समय सीमा तय की है। टाटा-एसआईए को 2 अप्रैल को एनओसी मिला।
डीजीसीए सूत्रों ने कहा कि एयर आपरेटर्स परमिट (एओपी या उड़ान लाइसेंस) इस शर्त के साथ जारी किया जाएगा कि आवेदक ने सभी आवश्यकताएं पूरी कर ली हैं और उसने हवाई परिवहन सेवाओं के संचालन की आवश्यक क्षमता हासिल कर ली है।
नियामक एओपी के अलावा विमानन कंपनियों को कई अन्य सेवाएं भी मुहैया कराता है। अभी तक इनमें से ज्यादातर सेवाओं के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी और आवेदकों द्वारा अक्सर लाल फीताशाही एवं विलंब की शिकायतें की जाती रही हैं।
डीजीसीए ने अब ‘सेवाओं के मानक’ शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की है जिसमें शुल्क ढांचे और लगने वाले अधिकतम समय का ब्यौरा दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 22, 2014, 17:48