अगले दो साल में 8% आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेंगे: अहलूवालिया

अगले दो साल में 8% आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेंगे: अहलूवालिया

नई दिल्ली: मोंटेक सिंह अहलूवालिया यहां 34वें स्कॉच सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, इस समय नरमी है पर मुझे लगता है कि हम अगले दो साल में वृद्धि दर का वह स्तर प्राप्त कर लेंगे जिसे हमने अपनी दर मान रखा था। 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) की अवधि के पहले साल अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पांच प्रतिशत थी जबकि योजना अवधि के दौरान सरकार ने आठ प्रतिशत की वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही में वृद्धि दर घटकर 4.4 प्रतिशत रह गई जो इसी वर्ष जनवरी-मार्च में 4.8 प्रतिशत थी। पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की अवधि में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत थी।

अहलूवालिया ने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक और मध्यावधिक वृद्धि की संभावना आठ प्रतिशत है बशर्ते 12वीं योजना के लिए तय कार्यक्रमों का अनुपालन किया जाए। स्पष्ट रूप से पहले दो साल में वृद्धि उस स्तर पर नहीं रहेगी। अहलुवालिया ने कहा कि 12वीं योजना में औसत आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत से कम रहेगी और आयेाग अगले साल इस पंचवर्षीय योजना की मध्यावधिक समीक्षा करेगा।

अहलूवालिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि बेहतर होगी। अहलूवालिया ने कहा, दूसरी छमाही बेहतर होनी चाहिए। पहली छमाही में वृद्धि दर कम थी। इसलिए इस साल वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक होगी। दूसरी छमाही अच्छी रहेगी। हमें ठीक-ठीक यह नहीं पता कि आंकड़ा क्या होगा। यह पूछने पर कि क्या नरमी खत्म हो गई उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि अर्थव्यवस्था में जितनी गिरावट आनी थी, आचुकी है। वित्तीय विशेषज्ञों ने कहा है कि अबक इसमें सुधार होगा। इसमें निश्चित तौर पर सुधार हेागा। स्पष्ट है कि बहुत अधिक सुधार नहीं होगा। लेकिन ऐसे सबूत है कि सुधार होगा। कल जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का निर्यात अक्तूबर में एक साल पहले की तुलना में 13.47 प्रतिशत बढ़कर 27.2 अरब डालर रहा। यह निर्यात में पिछले दो साल में दर्ज सबसे तेजी मासिक वृद्धि है।

अहलूवालिया ने कहा, निर्यात के संबंध में आई खबर बहुत उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि चालू खाते का घाटा वित्त मंत्री द्वारा लक्ष्य से कम होगा। अहलूवालिया कहा, उन्होंने (वित्त मंत्री) ने स्वयं कहा कि चालू खते का घाटा 70 अरब डालर की बजाय 60 अरब डालर होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पिछले साल के 88 अरब डालर से बहुत कम होगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 12, 2013, 14:45

comments powered by Disqus