वित्त मंत्रालय चाहता है, FDI नीति में वारंट शामिल हो

वित्त मंत्रालय चाहता है, FDI नीति में वारंट शामिल हो

नई दिल्ली : विदेशी निवेश की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए वित्त मंत्रालय ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) से कहा है कि वह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में वारंट भी शामिल करे और वारंट धारकों के लिए कंपनियों को 12 महीने के भीतर भुगतान किया जाना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, वित्त मंत्रालय ने डीआईपीपी को पत्र लिखकर वारंट को एफडीआई नियमन में शामिल करने के लिए पत्र लिखा है। नीति के तहत यह तय किया जाना चाहिए वारंट होल्डर द्वारा इसे जारी किए जाने के साल भर के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए। इस पहल से पूंजी प्रवाह सुधारने में भी मदद मिलेगी क्योंकि वारंटधारकों को तय समयसीमा में भुगतान करना होगा।

अधिकारी ने कहा, इस बदलाव से विदेशी निवेश में स्पष्टता आएगी और विदेशी निवेशक को हर बार मंजूरी के लिए एफआईपीबी को संपर्क नहीं करना पड़ेगा। डीआईपीपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीतियां बनाता है जबकि वित्त मंत्रालय के तहत आने वाला विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) प्रस्तावों को मंजूरी देता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 6, 2013, 18:32

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