सुब्रत राय की रिहाई के लिए 10,000 करोड़ रूपए के भुगतान के बारे में ‘तर्कसंगत’ और ‘स्वीकार्य’ प्रस्ताव पेश करना होगा: SC ने सहारा से कहा

सुब्रत राय की रिहाई के लिए 10,000 करोड़ रूपए के भुगतान के बारे में ‘तर्कसंगत’ और ‘स्वीकार्य’ प्रस्ताव पेश करना होगा: SC ने सहारा से कहा

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को लखनउ में घर में नजरबंद करने का अनुरोध ठुकराते हुये समूह से कहा कि अपने मुखिया की जेल से रिहाई के लिये उसे दस हजार करोड़ रूपए के भुगतान के बारे में ‘तर्कसंगत’ और ‘स्वीकार्य’ प्रस्ताव पेश करना होगा।

न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति ए के सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि इस गतिरोध से किसी को मदद नहीं मिलेगी। न्यायालय ने सहारा समूह से कहा कि वह नया प्रस्ताव लेकर आये। न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ द्वारा इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद इसके लिये नयी खंडपीठ का गठन हुआ है। इस बीच, सहारा ने न्यायालय में कहा कि लंदन और न्यूयार्क स्थित होटल सहित अपनी संपत्तियां बेचने का इच्छुक है।

इस पर न्यायाधीशों ने कहा, यह गतिरोध किसी की भी मदद नहीं करेगा। ऐसा प्रस्ताव लाइये जो तर्कसंगत और स्वीकार्य हो। न्यायाधीशों ने कहा कि यह सुनवाई काफी उपयोगी रही है और अब अगले सप्ताह आगे विचार किया जाये। न्यायालय ने सहारा समूह से कहा कि इस बीच वह अपना प्रस्ताव तैयार कर ले।

समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलील दी कि राय पिछले 75 दिन से जेल में हैं। उन्होंने कहा कि राय को जेल से निकाल कर लखनउ में घर में नजरबंद किया जाना चाहिए। लेकिन न्यायालय ने कहा कि इस समय वह कोई आदेश नहीं दे रहा है।

65 वर्षीय राय निवेशकों का 20 करोड़ रूपए से अधिक धन नहीं लौटाने के कारण चार मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। न्यायालय ने उनसे कहा कि जमानत के लिये दस हजार करोड़ रूपए के भुगतान के बारे मे नया प्रस्ताव लाया जाये।

न्यायालय ने चार मार्च को उन्हें जेल भेजने के न्यायिक आदेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली राय की याचिका पर आदेश दिया था। न्यायालय ने अपने फैसले में निवेशकों का धन लौटाने के बारे में उसके सभी आदेशों का ‘सुनियोजित तरीके से’ उल्लंघन करने और उसे निष्फल बनाने के लिये सहारा समूह की तीखी आलोचना की थी।
(एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 20, 2014, 00:38

comments powered by Disqus