उद्योग जगत ने राहुल गांधी के भाषण का किया स्वागत

उद्योग जगत ने राहुल गांधी के भाषण का किया स्वागत

नई दिल्ली : उद्योग जगत ने आर्थिक वृद्धि व पारदर्शिता पर तत्काल ध्यान देने के राहुल गांधी के विचार का स्वागत करते हुए आज कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने कल के भाषण में भारतीय उद्योग जगत से जुड़े वास्तविक मुद्दों का उल्लेख किया है और इससे निवेशकों कर भरोसा बढ़ेगा।

सीआईआई अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘ उन्होंने व्यापक बात की और उन वास्तविक मुद्दों को छूआ जिनसे हाल के दिनों में उद्योग जगत को दो चार होना पड़ रहा है। गांधी की बात से यह पता चलता है कि वह जमीनी हकीकत पर ध्यान रखते हैं.. जबकि अर्थव्यवस्था धीम पड़ गयी है और निवेशकों का उत्साह जग नहीं रहा है।’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष गांधी ने दिल्ली में फिक्की की बैठक में उद्योगपतियों को संबोधित किया था। उन्होंने उद्यमियों से बातचीत के दौरान मुद्रास्फीति, स्वच्छता, जवाबदेही व पारदर्शिता की समस्याओं के बारे में चर्चा की थी और देश से गरीबी उन्मूलन के लिए वृद्धि दर में तेजी लाने की जरूरत बताई थी।

उद्योग जगत के साथ गांधी की बातचीत को बहुत सकारात्मक बताते हुए भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राजन भारती मित्तल ने कहा, ‘‘ आर्थिक वृद्धि व पारदर्शिता पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर उनके विचार मन को भाने वाले हैं. ये ऐसे मुद्दे हैं जो अर्थव्यवस्था को तेजी की पटरी पर लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।’’

गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘ ऐसे समय में जब सुधारों व आर्थिक वृद्धि को लेकर भारत की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, गांधी की टिप्पणी निवेशकों के कानों में संगीत की भांति है। मुझे पक्का विश्वास है कि उनके भाषण से निवेशकों का भरोसा लौटेगा।’’ गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन आदि गोदरेज ने कहा कि गांधी के भाषण में नियमन व प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल करने की जरूरत पर बल दिए जाने से निवेशकों की धारणा में सुधार आएगा और निवेश बढ़ेगा। हीरो मोटोकार्प के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुनील कांत मुंजाल ने कहा कि गांधी के भाषण से संकेत लेते हुए सरकार को त्वरित कार्रवाई के लिए आगे आना चाहिए।

सीआईआई ने कहा है कि राजीव गांधी ने श्रम कानूनों से संशोधन, बिजली, जमीन और खनिजों की उपलब्धता के बारे में जो प्रस्ताव किए हैं उनके पूरा होने से अगले दशक में भारतीय विनिर्माण उद्योग सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में अपना हिस्सा एक चौथाई के बराबर कर सकता है और इस क्षेत्र में 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते है। इस समय भारत के जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा 15 प्रतिशत के आस पास है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 22, 2013, 23:08

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