Last Updated: Tuesday, March 11, 2014, 18:46
नई दिल्ली : निर्यात में गिरावट को लेकर चिंता जताते हुए उद्योग जगत ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में 325 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य हासिल होना मुश्किल लगता है। फरवरी में देश का निर्यात 3.67 प्रतिशत घटकर 25.68 अरब डालर रहा।
फिक्की के अध्यक्ष सिर्धार्थ बिड़ला ने कहा, ‘‘निर्यात में गिरावट चिंताजनक है और अब चालू वित्त वर्ष में 325 अरब डालर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में संदेह लगता है।’’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान निर्यात 4.79 प्रतिशत बढ़कर 282.7 अरब डालर रहा।
इंजीनियरिंग निर्यातकों का संगठन ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन अनुपम शाह ने कहा, ‘‘इस हिसाब से हम चालू वित्त वर्ष में 325 अरब डालर का निर्यात लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। घरेलू विनिर्माण क्ष़ेा में नरमी से निर्यात में गति बनाये रखने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।’’ फरवरी में देश में कुल आयात एक साल पहले के मुकाबले 17.09 प्रतिशत घटकर 33.81 अरब डालर रह गया। परिणामस्वरूप व्यापार घाटा 8.13 अरब डालर रहा।
एसोचैम अध्यक्ष राणा कपूर ने निर्यात-आयात आंकड़ों पर जारी प्रतिक्रिया में कहा है कि आज जो वृहत तस्वीर उभकर सामने आई है उसमें आयात में तीव्र गिरावट देखी गई है। यह मांग की सुस्ती का सीधा असर है, इसमें निर्यात के मोर्चे पर कोई नई पहल नहीं दिखती है। उन्होंने कहा कि आयात में गिरावट सोना आयात पर प्रतिबंध और औद्योगिक मांग में सुस्ती का परिणाम है। ‘‘नई सरकार को निर्यात बढ़ाने पर गौर करना होगा।’’
सीआईआई की निर्यात पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा, ‘‘निर्यात के लिये अमेरिका तथा यूरो क्षेत्र में आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार ‘फोकस प्रोडक्ट स्कीम’ और ‘फोकस मार्केट स्कीम’ में और उत्पादों तथा देशों को शामिल कर निर्यातकों की मदद करेगी।’’ पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने व्यापार घाटे में गिरावट को उत्साहवर्धक बताया है लेकिन निर्यात में कमी पर चिंता जताई है और कहा है कि निर्यात पर ध्यान दिया जाना चाहिये। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 11, 2014, 18:46