Last Updated: Wednesday, October 16, 2013, 23:46
नई दिल्ली : सीबीआई द्वारा कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले की प्राथमिकी (एफआईआर) में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला का नाम भी शामिल किए जाने पर दो केंद्रीय मंत्रियों और उद्योग जगत ने चिंता जताई है। दोनों मंत्रियों ने कहा है कि इससे निवेशकों का कारोबारी भरोसा डगमगा सकता है।
कारपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि इस तरह के घटनाक्रम से निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। पायलट ने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस तरह की कार्रवाई ‘ठोस तथ्यों’ पर आधारित हों क्योंकि इन घटनाओं से कारोबारी धारणा प्रभावित होती है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
पायलट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डर एवं अनिश्चितता का माहौल पैदा न हो। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से देश और विदेश दोनों ही जगह कारोबारी धारणा व निवेश धारणा निश्चित तौर पर प्रभावित होगी और संभव है इससे नौकरशाही व नीति निर्माताओं के निर्णय करने की क्षमता भी नकारात्मक तौर पर प्रभावित जारी
उद्योग जगत आवंटन घोटाले से संबंधित सीबीआई की एक प्राथमिकी (एफआईआर) में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला का नाम आने के बाद उनके साथ सहानुभूति जताई है और कहा है कि इस तरह के के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। कोयला ब्लाक बिड़ला का नाम भी है।
उद्योग जगत का कहना है कि इस तरह के कदम से भरोसा डगमगाएगा। पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष सुमन ज्योति खेतान ने कहा कि कुमार मंगलम बिड़ला एक प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं और सम्मानित परिवार से आते हैं। उद्योग जगत उनके साथ है। यह उद्योग जगत के भरोसे के लिए कोई अच्छी बात नहीं है। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के समय पर भी सवाल उठाया। खेतान ने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप हैं वे आठ साल पहले के हैं। उसके बाद से जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं। अब वे कैसे जाग गई हैं।
इसी तरह की राय जाहिर करते हुए एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि मेरे विचार में उस समय वह गैर कार्यकारी चेयरमैन के पद पर थे। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दायर करना जो कंपनी के रोजाना के फैसलों में शामिल नहीं है, उससे निश्चित रूप से उद्योग के लोगों के मन में सवाल खड़ा होगा। रावत ने कहा कि 2जी और कोयला घोटाले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से देश में निवेश बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमारा मानना है कि यदि कोई कंपनी ईमानदारी से काम कर रही है तो उसका सम्मान होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 16, 2013, 23:46