Last Updated: Sunday, June 1, 2014, 21:55
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में महंगाई रोकने और निम्न लागत वाले विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सुधारों को गति देने की जरूरत पर जोर दिया है।
जेटली ने पोस्ट में लिखा, `विकास दर की रफ्तार फिर से बढ़ाना, महंगाई पर लगाम लगाना और रोजगार के लिए विकास दर के तरीके को बदलना आज की एक बड़ी प्राथमिकता है।` उन्होंने कहा, `घरेलू निम्न लागत विनिर्माण को बढ़ावा देने और सुधारों को गति देने की जरूरत है। मूल्य स्थिरता और वृद्धि एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन इनके लिए एक अलग रणनीति की जरूरत हो सकती है। इसमें मौद्रिक और राजकोषीय नीति के समन्वय के रूप में राजकोषीय खरापन शामिल होगा।`
जेटली ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए जरूरी तात्कालिक उपायों को गिनाते हुए कहा, `मौजूदा रुझान को पलटने तक अल्पकालिक (राजकोषीय) अनुशासन हमें दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।` जेटली ने कहा कि राजकोषीय घाटे को घटाना, महंगाई रोकने और विकास दर बढ़ाने के लिए उद्देश्यपरक वित्तीय अनुशासन के एक युग की ओर बढ़ने की जरूरत है।
भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई मंगलवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में महंगाई रोकने के अपने कदम को जारी रख सकता है और दरों को अपरिवर्तित रख सकता है। केंद्र में नई सरकार गठित होने के बाद आरबीआई पहली बार मौद्रिक नीति की समीक्षा करने जा रही है।
अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 8.59 प्रतिशत पर थी, जो इसके पहले पूरे दो वर्ष तक 10 प्रतिशत के आसपास या इससे ऊपर बनी रही। देश का आर्थिक विकास दर लगातार दूसरे वर्ष पांच प्रतिशत से नीचे बनी रही, जो 2013-14 में 4.7 प्रतिशत रही।
जेटली ने कहा, `आर्थिक विकास दर में सुस्ती के साथ ऊंची महंगाई दर ने व्यापक आर्थिक वातावरण के लिए एक चुनौती पैदा कर दी है। भारत इस रुझान को वहन नहीं कर सकता। इसके गंभीर सामाजिक परिणाम हैं, क्योंकि मंदी एक दशक तक बेरोजगारी युक्त विकास दर लेकर आती है।` (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 1, 2014, 21:55