Last Updated: Wednesday, November 27, 2013, 14:09
कोझिकोड : विनिर्माण की उंची लागत से प्रभावित रहा केरल का जूता उद्योग 700 करोड़ रुपये का हो गया है और कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रमुख स्थान हासिल कर लिया है।
पिछले दशक की शुरूआत में इन इकाइयों को मंहगे कच्चे माल और बिजली के कारण संकट का सामना करना पड़ा। टाइल निर्माण और लकड़ी के पारंपरिक उद्योग के कारोबार में भारी गिरावट के कारण उद्यमी इस शहर को जूता निर्माण का केंद्र बनाने की ओर प्रेरित हुए। करेल की 125 जूता निर्माण इकाइयों में से 80 कोझिकोड जिले में हैं।
फुटवेयर मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ केरल के अध्यख पी. शशिधरन ने कहा कि हालात में बदलाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केरल दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में बने जूतों का बाजार था जो अब खुद अन्य राज्यों की भारी मांग पर जूतों का उत्पादन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र केरल की वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभा सकता है और यह राज्य की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने की दीर्घकालिक चिंता का समाधान कर सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस उद्योग की संभावनाओं के दोहन में मदद करे।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग में महिलाओं के रोजगार के मौके अधिक हैं क्योंकि जूते बनाने की कई प्रक्रियाएं होती हैं जिनमें वे शामिल हो सकती हैं। मौजूदा वृद्धि दर के मद्देनजर यह क्षेत्र निश्चित तौर पर महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाला प्रमुख उद्योग बन जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 27, 2013, 14:09