Last Updated: Saturday, October 19, 2013, 20:51
मुंबई : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरजोर वकालत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य निजी निवेश के बगैर दहाई अंक की वृद्धि दर बरकरार नहीं रख सकता।
बिहार औद्योगिक निवेश परामर्श परिषद की आज यहां दूसरी बैठक में हिस्सा लेने के बाद कुमार ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘बिहार की आर्थिक वृद्धि प्रमुख रूप से सार्वजनिक निवेश से संचालित है और जब तक हम निजी निवेश का प्रवाह नहीं बढ़ाते, अगले पांच साल के बाद यह वृद्धि दर बरकरार रखना मुश्किल होगा।’’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कुछ निजी निवेश निश्चित तौर पर आए हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर निवेश स्थानीय उद्यमियों द्वारा किए गए। राज्य को बड़े निवेश की जरूरत है जो केवल बड़े उद्योग घराने ही कर सकते हैं।
बिहार को आर्थिक तंगहाली से बाहर निकालने के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा, स्वास्थ्य ढांचा, शिक्षा, आईटी और खाद्य प्रसंस्करण को उन प्रमुख क्षेत्रों के रूप में गिनाया जहां भारी निजी निवेश किया जा सकता है।
बैठक में वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, एचडीएफसी के दीपक पारेख, आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर, एक्सिस बैंक की शिखा शर्मा, सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा, आईटीसी के वाईसी देवेश्वर और स्टार इंडिया के उदय शंकर शामिल हुए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 19, 2013, 20:51