जीएमआर की वापसी की कोई संभावना नहीं : मालदीव

जीएमआर की वापसी की कोई संभावना नहीं : मालदीव

नई दिल्ली : मालदीव ने 50 करोड़ डालर से अधिक की माले हवाई अड्डा परियोजना में भारतीय ढांचागत कंपनी जीएमआर की वापसी की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है लेकिन कहा है कि उसका वहां अन्य उप्रकमों में भागीदारी के लिए स्वागत है।

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अब्दुला यमीन ने कहा कि उनका देश जीएमआर के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन भारतीय फर्म के साथ विवाद को सर्वसम्मति से सुलझाने को प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति इस मामले में अदालत से बाहर निपटाने की बात पहले ही कर चुके हैं।

यमीन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा, `मैं यह नहीं कह रहा कि हम जीएमआर को ना कर रहे हैं। मैं तो यह कह रहा हूं कि मालदीव सरकार के हवाई अड्डे का पूरा प्रबंधन बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। हम जीएमआर या किसी भी भारतीय कंपनी के खिलाफ नहीं हैं। यह तो सिर्फ इतना है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वाणिज्यिक तथा सुरक्षा की दृष्टि से हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।`

यमीन ने कहा, `हमारे हवाई अड्डे का सारा परिचालन संभवत: किसी विदेशी कंपनी को नहीं जाएगा। शायद किसी मालदीव की किसी एक कंपनी को भी नहीं। यह काम मालदीव एयरपोर्ट कंपनी करेगी जो कि 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी है।` राष्ट्रपति हाल ही में यहां थे और उन्होंने कई उच्च स्तरीय बैठक कीं। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां मालदीव में अन्य परियोजनाओं में भाग लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

उन्होंने कहा, `मैंने भारतीय अधिकारियों तथा जीएमआर को आश्वस्त किया है कि चूंकि यह मुद्दा पंचाट में विचाराधीन है, हम इस मुद्दे को आम सहमति से अदालत प्रणाली से बाहर नहीं सुलझाए, ऐसा कोई कारण नहीं है। जीएमआर ने इस पर सहमति जताई है।` उन्होंने कहा, `मेरा प्रशासन इस मामले को पंचाट से बाहर परस्पर सहमति से निपटाने को प्रतिबद्ध है।` (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 12, 2014, 19:48

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