खाद्य मुद्रास्फीति का कोई त्वरित समाधान नहीं : चिदंबरम

खाद्य मुद्रास्फीति का कोई त्वरित समाधान नहीं : चिदंबरम

खाद्य मुद्रास्फीति का कोई त्वरित समाधान नहीं : चिदंबरमनई दिल्ली : मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमतों पर काबू पाने का कोई त्वरित समाधान नहीं है और मौद्रिक नीति का मूल्य वृद्धि नियंत्रण पर थोड़ा ही असर होता है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि मुद्रास्फीति मजबूत हो गई है और खाद्य कीमतों तथा ईंधन कीमतों पर मौद्रिक नीति का या तो कोई असर नहीं या बहुत कम प्रभाव होता है।’ उन्होंने कहा कि प्रोटीन वाले जिंसों तथा फलों व सब्जियों की मांग ऊंची है।

खाद्य कीमतों में उछाल के चलते थोक मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर में बढ़कर 10.09 प्रतिशत हो गई। भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए सितंबर व अक्तूबर में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत (प्रत्येक) की वृद्धि की।

चिदंबरम ने इंडिया इकनोमिक कनक्लेव में कहा, ‘खाद्य मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए कोई आसान समाधान नहीं है.. मुद्रास्फीति पर काबू पाने का कोई त्वरित उपाय नहीं है। मुझे डर है कि इस मुद्रास्फीति पर काबू पाने में कुछ समय लगेगा।’

उन्होंने कहा,‘हम इसके लिए एक राजनीतिक कीमत चुका रहे हैं और मैं इसे स्वीकार करता हूं लेकिन यह सचाई है।’ उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति मुख्यत: खाद्य व ईंधन कीमतों के कारण ऊंची है और मौद्रिक नीति इन कीमतों पर काबू पाने के लिए काम नहीं कर सकती।

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में आठ महीने के उच्चतम स्तर 7 प्रतिशत पर पहुंच गई। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 29, 2013, 21:04

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