अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं, कुछ रियायतों की उम्मीद

अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं, कुछ रियायतों की उम्मीद

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कल पेश किये जाने वाले अंतरिम बजट में कुछ रियायतों की घोषणा कर सकते हैं, हालांकि, इस दौरान उन्हें राजकोषीय घाटे को सीमित दायरे में रखने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। वित्त मंत्री अंतरिम बजट के साथ ही जुलाई 2014 तक के खर्चों की अनुमति के लिये संसद में लेखानुदान भी पेशकश करेंगे। पारंपरिक तौर पर अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष करों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता है और न ही कोई बड़ी नीतिगत घोषणा की जाती है। फिर भी इसमें आम आदमी और मदद की दरकार रखने वाले कुछ क्षेत्रों के लिये रियायतों की घोषणा की जा सकती है।

वित्त मंत्री ने इससे पहले संकेत दिया है कि वह अंतरिम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये उत्पाद और सेवाकर की कुछ दरों में बदलाव कर सकते हैं, लेकिन वह राजनीतिक आमसहमति के अभाव में आर्थिक सुधारों से जुड़े प्रमुख विधेयकों को आगे नहीं बढ़ायेंगे। उन्होंने कहा ‘‘वर्ष 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने अंतरिम बजट पेश करते हुये 12 पृष्ठ का भाषण पढ़ा था। वर्ष 2009 में उस समय वित्त मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी ने 18 पृष्ठ का भाषण पढ़ा था। इसलिये मेरे पास चुनने के लिये 12 से 18 के बीच दो संख्या हैं। हम कानून में संशोधन को छोड़कर कोई भी प्रस्ताव रख सकते हैं।’’ यह देखना रोचक होगा कि चिदंबरम सुपर-रिच कर को 2014-15 में भी जारी रखते हैं अथवा नहीं। बहरहाल, संकेत तो यही हैं कि वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि इसके लिये कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी। वित्त मंत्री ने पिछले बजट में सालाना एक करोड़ रपये अथवा इससे अधिक कमाई करने वाले धनी व्यक्तियों पर 10 प्रतिशत आयकर अधिभार लगाया दिया था। देश में ऐसे 42,800 लोग हैं।

वित्त मंत्री अंतरिम बजट में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की उपब्धियों को गिना सकते हैं। इस दौरान वह यह भी बता सकते हैं कि सरकार चालू खाते के घाटे (कैड) और राजकोष घाटे को नियंत्रित रखने में किस तरह सफल हो सकी। वित्त वर्ष 2014-15 का पूर्ण बजट नई सरकार के सत्ता में संभालने के बाद जून अंत तक या फिर जुलाई में पेश किया जायेगा। बजट भाषण में चिदंबरम यह भी बता सकते हैं कि आर्थिक वृद्धि की दर 4.5 प्रतिशत तक नीचे कैसे आ गई। वह उन कदमों को भी गिना सकते हैं जो कि अर्थव्यवस्था को वापस उच्च वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिये उठाये गये।

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने हालांकि, चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आंकड़े संशोधित होने के बाद आंकड़ा 5 प्रतिशत से उपर होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत के अनुसार वित्त मंत्री सोने के आयात पर शुल्क कम कर सकते हैं। सोने पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लागू है। आयात शुल्क बढ़ने के बाद इसकी तस्करी बढ़ने के समाचार हैं। इसे देखते हुये वित्त मंत्री आयात शुल्क कम कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आभूषण निर्माताओं और सर्राफा संघों की मांग पर सरकार से गौर करने को कहा था। चिदंबरम के अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान कर वसूली के संशोधित अनुमान भी होंगे और अगले वित्त वर्ष के लिये कर और गैर-कर राजस्व प्राप्ति के अनुमान भी होंगे। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 16, 2014, 20:07

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