Last Updated: Monday, October 21, 2013, 20:33

नई दिल्ली : योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सोमवार को कहा कि तालाबीरा-दो कोयला खदान हिंडाल्को को आवंटित करने का प्रधानमंत्री का निर्णय ‘पूरी तरह सही’ था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को जांच मामले में ‘शिष्ट रुख’ विकसित करने की जरूरत है।
अहलूवालिया ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, ‘‘..निर्णय बदलने के जो कारण थे, वह पूरी तरह सही थे। केवल इस तथ्य के आधार पर कि फैसला बदला गया, मीडिया का फोकस इस पर बना हुआ है। नये तथ्यों की पृष्ठभूमि में निर्णय बदलने में कुछ भी गलत नहीं था।’’
वह सीबीआई एफआईआर के बारे में शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी स्पष्टीकरण पर पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे। कोयला घोटाला मामले में दर्ज प्राथमिकी में आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंलगम बिड़ला तथा पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख का नाम है।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि ‘सक्षम प्राधिकार’ ने हिंडाल्को का समर्थन किया और तालबीरा-2 कोयला खदान सार्वजनिक क्षेत्र की नेवेली लिग्नाइट को देने के पूर्व के निर्णय को बदल दिया।
अहलूवालिया ने कहा कि जांच इस रूप में होनी चाहिए जिससे किसी की साख को नुकसान नहीं हो और व्यक्ति जब तक दोषी साबित नहीं हो जाता, उसे निर्दोष समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जांच के मामले में ‘शिष्ट रूख’ अपनाने की जरूरत है।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, October 21, 2013, 20:33