Last Updated: Friday, January 10, 2014, 18:36

नई दिल्ली : दक्षिण कोरिया की इस्पात कंपनी पॉस्को को ओड़िशा में 52,000 करोड़ रुपए का इस्पात संयंत्र लगाने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिल गई है। इससे कंपनी का परियोजना को लेकर आठ साल का इंतजार खत्म हो गया है। इसे देश में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कहा जा रहा है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क ग्यून हे की भारत यात्रा से एक सप्ताह पहले पॉस्को की परियोजना को मंजूरी दी गयी है। इसके बाद अब पॉस्को को 1.2 करोड़ टन सालाना क्षमता का इस्पात संयंत्र स्थापित करने पाएगी। हालांकि, कंपनी को यह मंजूरी इस शर्त के साथ मिली है कि उसे अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं की पूरा करना होगा। इससे परियोजना की लागत 60 करोड़ डॉलर बढ़कर 12.6 अरब डॉलर हो जाएगी।
नए पर्यावरण मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने पिछले सप्ताह परियोजना को अपनी मंजूरी दी। हालांकि इस्पात संयंत्र को बंदरगाह परियोजना से अलग करने के बाद यह मंजूरी दी गई है। मोइली ने कहा, ‘‘हां, मैंने इसे मंजूरी दे दी है। मंजूरी हफ्तेभर पहले दी गयी।’’ पॉस्को का एकीकृत इस्पात संयंत्र व बंदरगाह परियोजना शुरआत में जगतसिंहपुर के तटीय कस्बे में 4,000 एकड़ क्षेत्र में बननी थी। हालांकि, पर्यावरण मंजूरी में देरी व भूमि अधिग्रहण की समस्या की वजह से यह परियोजना 2005 से लटकी हुई है।
पॉस्को की इस्पात परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से 2007 में शुरुआती मंजूरी मिली थी और अंतिम मंजूरी 2011 में प्रदान की गई। एक साल बाद यानी मार्च, 2012 में अर्ध न्यायिक निकाय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरणीय चिंताओं का हवाला देते हुए इस मंजूरी को स्थगित कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 10, 2014, 18:36