Last Updated: Wednesday, November 13, 2013, 17:42
मुंबई : रिजर्व बैंक ने मुद्रा विनिमय बाजार में उठापटक शांत करने पर जोर देते हुए कहा कि इस वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा (कैड) पहले व्यक्त अनुमान से काफी कम 56 अरब डालर रहेगा और ऐसे में रुपये में गिरावट की कोई वास्तविक वजह नजर नहीं आती।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा अनुमान अब यह है कि इस वित्त वर्ष में कैड 56 अरब डालर रहेगा जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत से भी कम और पिछले साल के कैड से 32 अरब डालर कम होगा। बेशक, कैड की इस गिरावट में सोने के आयात को कम करने के हमारे कड़े उपायों का भी योगदान रहा है।’
देश में विदेशी मुद्रा के कुल अंत:प्रवाह और बाह्य प्रवाह के बीच के अंतर को कैड कहा जाता है। वित्त वर्ष 2012-13 में यह 88.2 अरब डालर के अब तक के रिकार्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। यह राशि जीडीपी का 4.8 प्रतिशत रही।
सरकार ने इससे पहले इस वित्त वर्ष में कैड 70 अरब डालर रहने का अनुमान व्यक्त किया था। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बाद में सोने के घटते आयात को देखते हुये कैड और घटकर 60 अरब डालर रहने का अनुमान व्यक्त किया। डालर के मुकाबले रपये में फिर एक बार गिरावट का रख बनने के बारे में रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा ‘विनिमय दर में उतार चढ़ाव की कोई बुनियादी वजह नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 13, 2013, 17:42