Last Updated: Tuesday, January 28, 2014, 17:39
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी रंगराजन ने आज कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि रिजर्व बैंक की मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत देता है। रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया।
रंगराजन ने कहा, ‘‘यह कीमत स्थिति के प्रति केंद्रीय बैंक की मजबूत प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है। यह मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य है। मुझे लगता है कि निर्णय उन संकेतों के संदर्भ में कुछ निश्चित बदलावों को भी प्रतिबिंबित करता है जिसकी वे निगरानी कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘..यह भी संकेत देता है कि अगर मुद्रास्फीति उम्मीद के अनुरूप दिशा में बढ़ती है तो संभवत: नीतिगत दरों में वृद्धि की श्रृंखला में इस प्रकार का यह आखिरी कदम हो सकता है।’’
रंगराजन ने कहा, ‘‘थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) संतोषजनक स्तर पर है लेकिन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के साथ ऐसा नहीं है। इसीलिए एक बार फिर ब्याज दर में वृद्धि यह बताता है कि अब ध्यान थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति से खुदरा मुद्रास्फीति की ओर चली गयी है।’’ नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि का आर्थिक वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर रंगराजन ने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुमान से यह अधिक होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 28, 2014, 17:39