टावरों को गिराने के खिलाफ सुपरटेक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी

टावरों को गिराने के खिलाफ सुपरटेक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी

टावरों को गिराने के खिलाफ सुपरटेक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजीज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : नोएडा आवासीय परियोजना में 40 मंजिला दो टॉवर गिराने के आदेश के मामले में रियल स्‍टेट कंपनी सुपरटेक को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला दो टावरों को गिराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली रियल एस्टेट दिग्गज सुपरटेक की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहमत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और सुपरटेक द्वारा किसी भी फ्लट की बिक्री या स्थानांतरण पर रोक लगाई।

याचिकाकर्ताओं ने इन टॉवरों को गिराने के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का भी अनुरोध किया था। सुपरटेक ने भी उच्च न्यायालय फैसले के खिलाफ अपील दायर कर रखी है। इन दो टॉवरों में 857 अपार्टमेंट हैं। इनमें से करीब 600 फ्लैट पहले ही बेचे जा चुके हैं। ये टॉवर सुपरटेक के इमेराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं। सुपरटेक कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि इन टॉवरों का निर्माण भवन के मंजूर नक्शे के अनुरूप किया गया है और इसमें किसी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल को इन दो टॉवरों को गिराने का आदेश देने के साथ ही कंपनी को फ्लैट खरीदने वालों को उनकी रकम लौटाने का निर्देश दिया था।

हाईकोर्ट ने इमेराल्ड कोर्ट ओनर्स रेजीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर यह फैसला सुनाया था। एसोसिएशन का आरोप था कि इन टॉवरों का निर्माण उप्र अपार्टमेन्ट कानून का उल्लंघन करके किया गया है। याचिकाकर्ता का दावा था कि नोएडा प्राधिकरण ने इन टॉवरों की उंचाई बढ़ाने की अनुमति दी थी। ये टॉवर पहले 24 मंजिल के बनने थे और इनके साथ वाले भवन ब्लॉक से 16 मीटर की दूरी अनिवार्य थी लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है और इस वजह से यह असुरक्षित है । इससे रोशनी तथा हवा भी बाधित हो रही है।

First Published: Monday, May 5, 2014, 13:42

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