Last Updated: Tuesday, January 21, 2014, 23:45

दावोस : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 44वीं सालाना बैठक मंगलवार को यहां शुरू हुई जिसमें भाग लेने के लिए दुनिया भर के 2500 से अधिक प्रतिनिधि यहां पहुंचे हैं। भारत से 100 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल भी इसमें भाग ले रहा है।
इस साल की बैठक में सीरिया तथा ईरान में संघर्ष का मुद्दा चर्चा में रहने की संभावना है। वहीं भारतीय मंत्री तथा प्रमुख उद्योगपति ऐसे समय में भारत की विकास गाथा की प्रासंगिकता की बात करेंगे जबकि विश्व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में दिक्कत आ रही है।
भारी हिमपात ने इस कस्बे को भले ही बर्फ की सफेद चादर में ढक दिया हो लेकिन कुल मिलाकर माहौल बीते कुछ सालों जितना सूना नहीं है।
अगले चार दिन चलने वाली इस बैठक में दुनिया भर से लगभग 40 राष्ट्र प्रमुख भी भाग ले रहे हैं। यह बैठक 43वीं बार दावोस में हो रही है और इसमें ज्यादातर समय आर्थिक मुद्दों तथा पूरी तरह से कारोबारी मामलों पर चर्चा होगी। हालांकि सीरिया के संकट, ईरान के परमाणु समझौते तथा यूरो क्षेत्र के भविष्य पर भी विचार विमर्श होने की संभावना है। ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जापान, ईरान, इजरायल, ब्राजील, इटली, दक्षिण कोरिया, मारीशस तथा स्विटजरलैंड सहित विभिन्न देशों के राष्ट्रप्रमुख इसमें भाग लेंगे।
भारत से वित्त मंत्री पी चिदंबरम, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया, शहरी विकास मंत्री कमलनाथ बैठक में आएंगे। भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल, बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी यहां इसमें शामिल होंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 21, 2014, 23:45