मां-बाप ने ही आरुषि को मारा

मां-बाप ने ही आरुषि को मारा

मां-बाप ने ही आरुषि को माराज़ी मीडिया/क्राइम रिपोर्टर

आरुषि हेमराज हत्याकांड में कोर्ट ने आरुषि के माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार को दोषी माना है। कोर्ट में सीबीआई ने तलवार दंपत्ति के खिलाफ क्या सूबुत रखे गए जिन्हें ध्यान में रखकर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

सीबीआई ने अदालत में अपनी दस दलीलें रखी कि 15-16 मई 2008 की दरम्यानी रात एल 32 में केवल चार लोग मौजूद थे जिनमें दो की मौत हो गई जब्कि दो जिंदा हैं। सीबीआई ने राजेश और नूपुर तलवार के खिलाफ तमाम सूबुत पेश किए जिनमें दस सूबुत बेहद अहम थे। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें ज्यादातर सरकमटांशियल एवीडेंस थे।

सीबीआई की दलील नंबर एक- आरुषि के कमरे का दरवाजा नूपुर तलवार बंद करती थी और चाबी अपने पास रखती थीं। उस कमरे का ताला कुछ ऐसा था कि एक बार लॉक करने के बाद उसे केवल आरुषि ही अंदर से खोल सकती थी। जब 16 मई की सुबह हत्या का पता लगा तब आरुषि के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था तो क्या नूपुर ने रात को वह दरवाजा बंद नहीं किया था या फिर उसे बंद करने के बाद दोबारा खोला गया था। आरुषि के कमरे की चाबी ड्राइंग रुम के पास की लाबी से मिली वह भी दोपहर 12 बजे जबकि सुबह आरुषि के कमरे की चाबी गायब थी।

सीबीआई की दलील नंबर दो- क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई। मिसाल के तौर पर आरुषि के शव को सफेद चादर से ढका गया। आरुषि जिस बेड पर मृत मिली उस बैड की चादर में जरा भी सिकुड़न नहीं थी। आरुषि के निजी अंगों को साफ किया गया। हेमराज के शव को घसीट कर ऊपर ले जाया गया और कूलर के पैनल से उसे ढका गया। 15-16 मई की दरम्यानी रात को पहली बार फ्लैट की छत के दरवाजे को बंद किया गया वर्ना आमतौर पर वह दरवाजा खुला रहता था। सीढियों पर खून के निशान जिन्हें साफ किया गया था। स्कॉच की बोतल जिस पर आरुषि और हेमराज के खून के निशान मिले।

कोई भी कातिल दो लोगों की हत्या करने के बाद वापस फ्लैट में आकर शराब नहीं पीएगा जब्कि उसे मालूम हो कि घर के अंदर दो लोग सो रहे हों। आरुषि और हेमराज के गले पर जिस तरह के घाव के निशान वह केवल कोई सर्जरी का माहिर आदमी ही लगा सकता है जो केवल राजेश और नूपुर तलवार ही कर सकते हैं। आरुषि के मोबाइल का डाटा डिलीट किया गया अगर हत्या किसी बाहर के शख्स ने की होती तो उसको मोबाइल का डिलीट करने की क्या जरुरत थी।

सीबीआई की दलील नंबर तीन- 16 मई 2008 को जब नोएडा पुलिस तलवार के फ्लैट पर पहुंची तो राजेश तलवार ने पुलिस का ध्यान भटकाया ताकि वह मौके से सूबुत इक्टठा न कर पाए और अपना सारा वक्त हेमराज को ढूंढने में लगाए।

सीबीआई की दलील नंबर चार- राजेश तलवार ने बार-बार मांगने पर भी छत के दरवाजे के ताले की चाबी नहीं दी जब्कि छत के दरवाजे पर खून के निशान मौजूद थे।

सीबीआई की दलील नंबर पांच- राजेश तलवार ने हेमराज की लाश को पहचानने से इंकार कर दिया जबकि हेमराज लंबे समय से तलवार के घर पर काम कर रहा था और आखिरी बार राजेश और नूपुर तलवार ने उसे देखा था और हेमराज की हत्या से पहले उसने क्या कपड़े पहन रखे थे यह भी उन्हें मालूम था।

सीबीआई की दलील नंबर छ- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की बात का जिक्र करने के लिए तलवार और उनके रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को कहा था।
सीबाआई की दलील नंबर सात- इसमें एक रिटायर्ड डीएसपी के के गौतम के बयान का जिक्र किया गया है कि हेमराज के शव को छत पर मिलना कोई इत्तेफाक नहीं था बल्कि तलवार और उनके परिवार की एक योजना थी।

सीबीआई की दलील नंबर आठ- सीबीआई के मुताबिक जिस गोल्फ स्टिक को आरुषि और हेमराज की हत्या में इस्तेमाल किया गया था वह मौके से गायब थी। एक साल बाद वह गोल्फ स्टिक नुपुर तलवार और तलवार के भाई अजय चड्ढा को घर में ही मिल गई लेकिन सीबीआई को एक साल बाद इसके बारे में जानकारी दी गई।

सीबीआई की दलील नंबर नौ- सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों की हत्या में गोल्फ स्टिक का इस्तेमाल किया गया था जो ईशारा करता है कि हेमराज और आरुषि की हत्या उत्तेजना में की गई थी।

सीबीआई की दलील नंबर दस- पोस्टमार्टम शुरू होने से ठीक पहले राजेश तलवार के भाई दिनेश तलवार ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सुनील दोहरे की बात किसी शख्स से कराई थी जिसे दिनेश तलवार ने एम्स के फोरेंसिक हेड डॉक्टर डोगरा कहकर परिचय दिया था।

सीबीआई ने कोर्ट में यह दस दलीलें रखीं थी हालांकि सीबीआई की तरफ से नौकरों या फिर घर के बाहर से आए लोगों ने डबल मर्डर किया इस बात का जिक्र भी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में दिया था लेकिन तफ्तीश के बाद सीबीआई ने इन दोनों संभावनाओं से इंकार कर दिया। सीबीआई का साफ कहना था कि परिस्थितिजन्‍य साक्ष्य ईशारा करते हैं कि आरुषि और हेमराज का कत्ल घर के अंदर मौजूद लोगों ने ही किया था यानि तलवार दंपत्ति ने ही दोनों का कत्ल किया था।

First Published: Monday, November 25, 2013, 22:26

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