बसपा सांसद के बंगले पर हुई हत्या के क्या हैं राज!

बसपा सांसद के बंगले पर हुई हत्या के क्या हैं राज!

बसपा सांसद के बंगले पर हुई हत्या के क्या हैं राज!क्राइम रिपोर्टर/ज़ी मीडिया

दिल्ली में सांसद के सरकारी बंगले में हुई नौकरानी की हत्या के मामले में पुलिस ने बीएसपी सांसद धनंजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। धनंजय सिंह को हत्या के सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हत्या के इस सनसनी खेज मामले की मुख्य आरोपी सांसद की बीवी डॉक्टर जागृति सिंह हैं, जो पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं।

जागृति पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मेड राखी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। बीएसपी सांसद धनंजय सिंह के घर में काम करने वाले एक नौकर का आरोप है कि सांसद की पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह ने नौकरानी को पीट-पीट कर मार डाला। आरोप है कि हत्या दिल्ली में सांसद के सरकारी आवास पर हुई। पुलिस ने डॉक्टर जागृति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित बंगला नंबर 175 बीएसपी के बाहुबली सांसद धनंजय सिंह के इस सरकारी आवास की चारदीवारी से कुछ ऐसी खबर बाहर आई जिसने सबको सकते में डाल दिया।

खबर थी एक कत्ल की। धनंजय सिंह के सरकारी आवास में काम करने वाले एक नौकर ने ये आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि सांसद की पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह ने घर में काम करने वाली राखी नामक नौकरानी की पीट-पीटकर हत्या कर दी है। शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि कोलकाता की रहने वाली राखी 10 महीने पहले घरेलू कामकाज के लिए आई थी।
सूत्रों के मुताबिक सांसद के दूसरे नौकर रामफल ने पुलिस को बताया है कि डॉक्टर जागृति सिंह लंबे समय से मेड राखी के साथ मारपीट कर रही थीं। डॉक्टर जागृति के जुल्मों की दास्तां बयां करने वालों में सांसद के घर अक्सर आने-जाने वाला इलेक्ट्रीशियन आजाद भी शामिल है।

घटना सोमवार 4 नवंबर की है। पुलिस के मुताबिक देर शाम मेड राखी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जब मामले की तफ्तीश के लिए पुलिस सांसद के घर पहुंची तो पुलिस की मौजूदगी में नौकर रामफल ने जागृति सिंह पर मेड की हत्या का इल्जाम लगाया।

पुलिस ने डॉक्टर जागृति को राखी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही कुछ और लोगों को हिरासत में भी लिया गया है, ताकि उनसे पूछताछ करके कोठी नंबर 175 का रहस्य सुलझाया जा सके। सांसद धनंजय सिंह का कहना है कि नौकरानी की हत्या से उनका कोई वास्ता नहीं है। सासंद ने इस घटना के लिए पूरी तरह अपनी पत्नी जागृति सिंह को जिम्मेदार ठहराया।

सांसद का तो यहां तक दावा है कि उन्होंने खुद ही इस मामले की खबर पुलिस को दी लेकिन बड़ा सवाल तो ये है कि अपने ही घर में एक बेबस पर जुल्म होने के बाद भी उन्होंने पुलिस को पहले खबर क्यों नहीं दी। मेड राखी के मर्डर की कहानी सामने आने के बाद सांसद धनंजय सिंह लगातार खुद को इस पूरे मामले से अनजान जता रहे हैं और यूं जाहिर कर रहे हैं जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं था लेकिन पुलिस की तफ्तीश में अब तक जो सामने आया है उससे पता चलता है कि धनंजय सिंह को राखी के साथ हो रहे जुल्मों की पूरी जानकारी थी।

घर के नौकर रामफल ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि 1 नंवबर से 3 नवंबर तक डॉक्टर जागृति ने राखी के साथ बुरी तरह मारपीट की थी। जख्मी हालत में राखी 3 दिन तक घर में ही पड़ी रही। सूत्रों के मुताबिक चार नवंबर को जब धनंजय सिंह घर आए तब राखी की मौत हो चुकी थी। लेकिन धनंजय सिंह ने ना तो इसकी खबर पुलिस को दी और ना ही इसके बारे में किसी को बताया, उल्टा वो हत्या के सबूत मिटाने में जुट गए।

पूछताछ में पुलिस को पता चला है, कि जाहिर है सांसद धनंजय सिंह को राखी के साथ हो रहे जुल्मों की पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद वो ना सिर्फ खामोश रहे बल्कि उन्होंने कभी अपनी पत्नी को रोकने या राखी को बचाने की कोशिश भी नहीं की और ना ही पुलिस को खबर करने की जहमत उठाई। सांसद का ताजा बयान पुलिस की तफ्तीश से सामने आए सच से कितना उलट है।

धनंजय सिंह ने जब पुलिस को खबर तब की जब राखी की मौत को 12 घंटे गुजर चुके थे। सवाल ये है कि जब राखी की सांसें चल रही थीं तब धनंजय सिंह ने पुलिस को खबर क्यों नहीं की? अगर राखी को वक्त रहते अस्पताल ले जाया जाता तो शायद आज वो जिंदा होती।

सूत्रों के मुताबिक राखी के शरीर पर जलाए जाने के निशान भी मिले हैं। घर के नौकर ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि राखी के पेट में लात भी मारी गई थीं। तीन दिन तक राखी जख्मी हालत में तड़पती रही लेकिन ना ही जागृति सिंह को उस पर रहम आया और ना ही सांसद धनंजय सिंह को। ऐसे में सवाल ये है कि धनंजय सिंह राखी की मौत से पल्ला झाड़कर खुद को बेकसूर कैसे बता सकते हैं?

सांसद की पत्नी जागृति सिंह दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि लोगों की जिंदगी बचाने वाली डॉक्टर पर ही एक बेकसूर की जिंदगी छीनने का आरोप लग रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर सोमवार की शाम सांसद आवास में हुआ क्या था? सांसद धनंजय सिंह के सरकारी आवास में हुई राखी की संदिग्ध मौत की गुत्थी जितनी उलझी हुई है उससे भी ज्यादा उलझी हुई है धनंजय सिंह और जागृति सिंह के आपसी रिश्तों की कहानी।

खबरों के मुताबिक धनंजय सिंह और जागृति के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। खुद धनंजय सिंह ने कबूल किया है कि पिछले छह महीनों से उनके और जागृति के तलाक का केस चल रहा है। शायद इसीलिए धनंजय सिंह खुद को पूरे मामले में पाक-साफ बताकर पत्नी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि सांसद ने अपने सरकारी आवास में 20 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे। यहां तक कि बाथरूम में भी सीसीटीवी से निगरानी की जाती थी। इतना ही नहीं सभी कैमरों की मॉनीटरिंग डॉक्टर जागृति के मोबाइल फोन पर भी थी। सूत्रों के मुताबिक नौकरों को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने घर के बाहर कदम भी रखा तो गार्ड उन्हें गोली मार देगा।

दिल्ली पुलिस ने डॉक्टर जागृति सिंह के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और नाबालिग नौकर रामफल पर हमले के आरोप में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत भी एक मामला दर्ज किया है। रामफल ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर जागृति ने उसके साथ भी मारपीट की। आरोपों की जांच के लिए पुलिस रामफल का मेडिकल करवा रही है।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिए बयान में डॉक्टर जागृति ने कहा है कि उन्होंने नौकर रामफल और राखी को आपत्तिजनक हालत में देखा था, इसीलिए गुस्से में आकर उसकी पिटाई की। जागृति के इस बयान से साफ है कि उनका और धनंजय सिंह का वो बयान सरासर झूठ था जिसमें उन्होंने कहा था कि राखी की मौत छत से गिरने के कारण हुई है। अगर रामफल और राखी के बीच रिश्तों की बात सच भी हो तो भी पीट-पीटकर उसकी जान लेने की बात गले उतरने वाली नहीं है।

माना जा रहा है कि अपने निजी रिश्तों में खटास से परेशान होकर डॉक्टर जागृति ने मानसिक तनाव में ऐसा कदम उठाया लेकिन सवाल ये है कि लोगों की जांच बचाने वाली डॉक्टर एक बेबस की जान कैसे ले सकती है? सामने आएगा सच बहरहाल, अब पुलिस को इंतजार है पोस्टमार्टम रिपोर्ट का, जिसके बाद राखी की मौत से जुड़े कई सवालों का जवाब मिल सकेगा। साथ ही मौत के सही वक्त का पता चलने पर पुलिस इस मामले में सांसद धनंजय सिंह को भी आरोपी बना सकती है। क्योंकि उससे साफ हो जाएगा कि राखी की मौत के वक्त धनंजय सिंह वाकई मौके पर थे या नहीं?

First Published: Tuesday, November 5, 2013, 23:41

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