Last Updated: Monday, October 7, 2013, 23:14
क्राइम रिपोर्टर/ज़ी मीडिया लश्कर-ए-तोएबा का आतंकी और बम गुरु के नाम से कुख्यात अब्दुल क़रीम टुंडा से हुई पूछताछ की अब तक की सबसे विश्वसनीय और ठोस रिपोर्ट क्राइम रिपोर्टर की टीम को हाथ लगी है, जिससे टुंडा और लश्कर के नेटवर्क के मंसूबों का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
बम गुरु के रूप में ख्यातिलब्ध टुंडा हमेशा ही जांच एजेंसियों को चुनौती देता रहा लेकिन उसके पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हाथ जो सुराग लगे हैं उससे साफ पता चलता है कि टुंडा का पकड़ा जाना बहुत बड़ी कामयाबी है। जिस प्रकार से टुंडा एक के बाद एक खुलासे कर रहा है उससे यह जाहिर हो गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक के प्रमुख आतंकी संगठन भारत पर हमले और आतंक फ़ैलाने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश रच रहे हैं।
जिस प्रकार का नेटवर्क आतंकवादी डेवलप कर रहे हैं, उससे देश की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। रक्षा एक्सपर्ट कमर आगा कहते हैं कि पाक के आतंकवादी संगठन अपने नेटवर्क को विश्वव्यापी बना रहे हैं। इसके लिए एक आतंकवादी संगठन दुसरे आतंकवादी संगठन को लोन देकर और आदमी मुहैया कराकर आतंकी नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं। यही नहीं हर देश के लिए आतंकी संगठन अलग अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं। ये संगठन आपस में कोआर्डिनेट कर रहे हैं।
कमर कहते हैं कि आतंकवादी भारत की जेलों में बंद अपने साथियों को छुड़ाने के लिए टेरेरिस्ट जेलों पर अटैक भी कर सकते हैं। कमर आगा का यह भी मानना है कि पाकिस्तान की हमेशा से यह रणनीति रही है कि जेलों में बंद आतंकियों को किसी तरह से भी छुड़ा लिया जाए। इसके लिए वे ट्रेनिंग भी देते है और स्लीपर सेल भी इनकी मदद करती है।
टुंडा के तमाम खुलासों के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नींद हराम हो गई है। दशहरा में आतंकवादी भीड़ भाड़ वाले इलाकों को निशाना बना कर खुशियों में खलल डाल सकते हैं। खुफिया अलर्ट से भी यह पता चलता है कि दशहरे में आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
जाने माने सुरक्षा एक्सपर्ट भरत वर्मा टुंडा की गिरफ्तारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहते हैं कि टुंडा के खुलासों को ध्यान से सुनना चाहिए। साथ भी आतंकवाद को बड़ी चुनौती बताते हुए कहते हैं कि पाकिस्तान की मंशा है कि पहले अफगानिस्तान पर तालिबान के सहारे कब्जा करे उसके बाद जम्मू कश्मीर में अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे हालात पैदा कर दे और बाद में पूरे देश को।
टुंडा का नेटवर्क बहुत तगड़ा था। उसके नेटवर्क का इस्तेमाल करता था लश्कर। टुंडा की गिरफ्तारी के बाद निश्चय ही लश्कर का नेटवर्क प्रभावित हुआ है।
अब्दुल क़रीम टुंडा यानी पाकिस्तानी आतंक का एक ऐसा मोहरा जो आज सलाखों के पीछे जरूर है लेकिन उसका तैयार किया हुआ पूरा नेटवर्क देश में दहशत का माहौल तैयार करने में लगा हुआ है।
खबर है कि आतंकियों का ये नेटवर्क अब देश में नई तकनीक से दहशत फैलाने की फिराक में है। देश को दहलाने की प्लानिंग कर रहे दहशतगर्दों के हाथ लग गया है एक नया हथियार और ये हथियार है जहरीली गैस का। पहले सीरिया में सारीन गैस का इस्तेमाल हुआ और अब इस जानलेवा गैस का खतरा भारत को है। अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां को शक है कि दहशतगर्दों को सीरिया में सारीन गैस की सप्लाई पाकिस्तान से की गई थी।
साफ है कि पाकिस्तान में एक्टिव दहशतगर्दों के हाथ न केवल जहरीली गैस बनाने की तकनीक लग गई है बल्कि सीरिया में इसका सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की बात तो ये है कि त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और जल्द ही देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। शनिवार को आंध्र प्रदेश के चित्तूर में पकड़े गये दो आंतकियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उनका इरादा चुनाव के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कुछ आला नेताओं को निशाना बनाने का था।
पाकिस्तान में ट्रेंड इन आतंकियों ने अपनी ओर से कितनी तैयारी कर रखी थी इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन पर काबू पाने में सुरक्षा बलों को बारह घंटे लग गए। साफ है कि आतंकियों ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है और अब उनका इरादा एक साथ देश के कई हिस्सों को दहलाकर आतंक का माहौल तैयार करने का है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ़्त में आये लश्कर-ए-तोएबा के टॉप बम एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा ने भी पुलिस के साथ हुई पूछताछ में आतंकी साज़िशों का पूरा ख़ुलासा किया है और उसके ख़ुलासे किसी को भी दहला सकते हैं। देश में दर्जनभर से ज़्यादा धमाकों को अंजाम देने वाले अब्दुल क़रीम टुंडा ने बम धमाकों की जो केमिकल कंपोज़िशन बताई है वो बेहद ख़तरनाक भी है और हैरान करने वाली भी।
जाहिर है बम धमाकों को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने ऐसे रसायनों के कंबिनेशन्स का इस्तेमाल किया, जो हर जगह खरीदे जा सकते हैं लेकिन उनको एक साथ मिलाकर बड़े बम धमाके में तब्दील किया जा सकता है। लेकिन अब अब्दुल क़रीम टुंडा गिरफ्तार हो चुका है और उसके बाद जो संकेत मिल रहे हैं वो इससे कहीं ज़्यादा ख़तरनाक हैं। आतंकी टेरर फैलाने के लिए अब ऐसे केमिकल्स के इस्तेमाल की तैयारी कर रहे हैं जिनसे सिर्फ़ चंद सेकेंड का ब्लास्ट ही न हो, कई घंटों और दिनों तक रसायन हवा में घुलकर लोगों की ज़िंदगी बर्बाद करते रहें। आतंक की ख़ातिर ऐसे ही प्लान विदेशों में अंजाम दिए जा चुके हैं।
सीरिया में ज़हरीली गैस ने आतंक फैलाया तो इससे पहले केमिकल्स से पटे जहरीले लेटर बम पूरी दुनिया के दूतावासों में दहशत मचा चुके हैं लेकिन सवाल ये है कि भारत में कैसे रसायनों का इस्तेमाल करने की साज़िश रची जा रही है। सुत्रों के मुताबिक टुंडा ने भी इस बात पर मुहर लगाई है कि आईएसआई ही हाफिज़ सईद को भारत में आतंकी हमलों के लिए निर्देश और हथियार मुहैया करवाती है। सूत्रों के मुताबिक़ आतंकी संगठनों को भारत में बड़े हमलों के निर्देश दिए जा चुके हैं और आशंका ये भी है कि आतंकियों को रसायनिक हथियार बनाने का फॉर्मूला भी दिया जा चुका है। स्पेन में पिछले साल पकड़े गए दो चेचेन आतंकी भी इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि पाकिस्तान में हाफिज़ सईद का संगठन लश्कर ए तोएबा जैविक और रसायनिक हथियारों को बनाने की कोशिशों में जुटा है। उन्होंने ये भी माना था कि उन्हें पाकिस्तान में लश्कर के कैंप में ट्रेनिंग मिली, जिसमें उन्होंने रसायनिक हथियारों का मेलजोल और हमलों के लिए रिमोट कंट्रोल विमान चलाने की तकनीक समझी।
जाहिर है पाकिस्तान में लश्कर ए तोएबा पारंपरिक विस्फोटकों की जगह कैमिकल वैपन्स के इस्तेमाल की साज़िश रच रहा है। सवाल ये है कि आतंक की इस नए हथियार से बचाव कैसे किया जाएगा? आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने भी पूछताछ में भारत के खिलाफ चल रही साजिश की बात कबूल की है और इस कबूलनामे से साफ हो गया है कि देश में एक्टिव उसका नेटवर्क बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। ऐसे में अगर उनके हाथ जहरीली गैस की तकनीक लग गई तो भारत में मच सकता है कोहराम।
लश्कर-ए-तोएबा का ख़तरनाक आतंकवादी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा जिसे आज सारी दुनिया `बम गुरू` के नाम से जानती है वो आज सलाखों के पीछे है लेकिन पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि पूरे हिंदुस्तान में लश्कर के आतंक का नेटवर्क अब भी कायम है। कई छोटे-बड़े शहरों में फैले लश्कर के आतंकी पलक झपकते ही बमों का ज़ख़ीरा तैयार करने का माद्दा रखते हैं। टुंडा की गिरफ्तारी के बाद उसके कई शागिर्द बम बनाने के काम को बाखूबी अंजाम दे सकते हैं। पूछताछ में टुंडा ने बताया है कि आज की तारीख में लश्कर के तीन लाख ट्रेंड टेररिस्ट कहीं भी और कभी भी,तबाही मचाने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, जैश-ए-मोहम्मद के डेढ़ लाख दहशतगर्द भी आईएसआई की आतंकी ब्रिगेड का हिस्सा हैं। वहीं कश्मीर में हिज़बुल मुज़ाहिद्दीन का बड़ा आतंकी नेटवर्क तैयार है।
खुफिया सूत्रों की मानें तो आतंकी आने वाले त्योहारों में हिंदुस्तान के कई शहरों को बम धमाकों से दहलाने की साजिश रच सकते हैं। इतना ही नहीं, टुंडा की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए भी आतंकी साजिश रची जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक टुंडा ने पूछताछ में दावा किया है कि हिंदुस्तान में लश्कर के आतंकी नेटवर्क को तोड़ पाना या आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर पाना आसान नहीं है। हाल ही में त्योहारों के मद्देनजर आईबी ने 9 शहरों के लिए जो अलर्ट जारी किए हैं। उसका संबंध भी आतंकियों की नई रणनीति से ही है, वहीं जेलों पर हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों ने जो चेतावनी दी थी, उसे भी आतंकी सच साबित कर सकते हैं। जानकारों के मुताबिक टुंडा ने पूछताछ में ये भी बताया है कि आईएसआई और लश्कर हिंदुस्तान में धार्मिक उन्माद को भी अहम हथियार मानते हैं और देश में सक्रिय स्लीपर सेल की मदद से वे लगातार इस कोशिश में लगे हुए भी हैं।
टुंडा के कबूलनामे पर यकीन करने की कई वजह हैं पिछले कई हमलों में ये सामने आया है कि भारत में आतंकी हमलों के लिए आईएम का लोकल नेटवर्क इस्तेमाल किया गया। पूछताछ में टुंडा ने भी बताया है कि आतंक के इस नेटवर्क को लश्कर ने बनाया और लश्कर के लिए हिंदुस्तान में काम कर रहा है आईएम। आईएम का काम है पूरे भारत में अपना जाल फैलाना और बेरोजगार नौजवानों को जेहाद के नाम पर दहशतगर्दी का पाठ पढ़ाकर अपने नेटवर्क से जोड़ना। जब भारत में सिमी और आईएम का कोई वजूद नहीं था, तब खुद टुंडा और लश्कर से जुड़े दहशतगर्द भारत में आतंकियों की फौज खड़ी करने में जुटे थे। टुंडा से पूछताछ में सामने आया है कि उसने पुरानी दिल्ली में अपनी जिंदगी के कई साल गुजारे और यहां आतंक की जमीन बनाई। इसके अलावा (मैप इन) ताज नगरी आगरा, हरियाणा का औद्योगिक नगर फरीदाबाद, ग्वालियर, इटारसी, खंडवा, भुसावल, इंदौर और अहमदाबाद (मैप आउट) जैसे शहरों में भी टुंडा की अगुवाई में ISI के दहशतगर्दों का जाल फैला।
आईएसआई का फुलटाइम एजेंट बनने के बाद टुंडा ने अपना ठिकाना बनाया अहमदाबाद में। यहां अपना काम करने के बाद टुंडा ने मायानगरी बंबई का रुख किया जहां उसकी मुलाकात लश्कर के आतंकी डॉक्टर ज़लीस से हुई। जलीस से मिलने के बाद टुंडा आतंक के लोकल नेटवर्क से जुड़े दहशतगर्दों को बम बनाने की ट्रेनिंग देने लगा। बाद में टुंडा वापस अपने गांव पिलखुवा लौटा और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में भी आतंक के नेटवर्क को मजबूत करने में जुट गया। पिलखुवा में सीबीआई ने उसकी नाम के पोस्टर भी चिपकाए लेकिन वो हाथ नहीं आया। 1993 में वो दिन भी आया जब लोकल ट्रेनों में एक के बाद एक बम धमाकों से मायानगरी दहल उठी। ये वही धमाके थे जिनसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद भारत में मोस्ट वांटेड बन गया। इन्हीं धमाकों के बाद पुलिस और इंटेलिजेंस को आईएसआई से मेरे कनेक्शन का पता चला। वहीं इंटरपोल ने मुझे दुनिया के मोस्ट वांटेड टेरेरिस्ट की फेहरिस्त में शुमार कर लिया।
First Published: Monday, October 7, 2013, 23:14