Last Updated: Thursday, November 21, 2013, 15:47

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने विवादास्पद फिल्म ‘रामलीला’ के उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन पर आज तत्काल रोक लगा दी। अदालत ने इस मामले में केन्द्र तथा राज्य सरकार समेत विभिन्न पक्षकारों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह तथा न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की खण्डपीठ ने यह आदेश बहराइच के संगठन श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलीला समिति की तरफ से दायर याचिका पर दिया है।
याचिका में ‘रामलीला’ फिल्म के प्रदर्शन के सिलसिले में सेंसर बोर्ड द्वारा गत एक नवम्बर को जारी प्रमाणपत्र को निरस्त किये जाने का आग्रह किया गया है। साथ ही फिल्म के कुछ विवादित संवादों तथा शब्दों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें फिल्म से निकाले जाने की कार्रवाई के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याची समिति की तरफ से कहा गया है कि इस फिल्म के प्रदर्शन से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की छवि धूमिल हो रही है, क्योंकि उनकी लीलाओं का भारतीय जनमानस पर गहरा असर है। यह भी दलील दी गयी कि ‘रामलीला’ नामक शीषर्क से लोगों में गलत संदेश जा रहा है और खास तौर पर हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 21, 2013, 15:07