Last Updated: Wednesday, November 13, 2013, 21:42
ज़ी मीडिया ब्यूरोमुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने आज फिल्मकार संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘रामलीला’ के नाम से हिंदुओं की भावनाएं आहत होने का दावा करने वाली याचिका पर भंसाली को नोटिस भेजा है लेकिन फिल्म की 15 नवंबर को होने वाली रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की खंडपीठ ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि अगर याचिका में कोई आधार होगा तो बाद में उचित आदेश पारित किया जा सकता है। अदालत ने फिल्म के सह-निर्माता किशोर लुल्ला, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी), सूचना और प्रसारण मंत्रालय, वितरण अधिकार रखने वाले इरोज इंटरनेशनल और महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस जारी किए।
याचिकाकर्ता संदीप शुक्ला कांग्रेस के सदस्य हैं और श्री महाराष्ट्र रामलीला मंडल के उपाध्यक्ष हैं जो हर साल शहर में रामलीला का आयोजन करता है। उनके वकील ए पी पांडेय ने दलील दी कि फिल्म का नाम सुनकर ऐसा लगता है कि यह रामायण के भगवान राम से संबंधित है। हालांकि फिल्म में भगवान राम के बारे में कुछ नहीं है और इसके प्रोमो और पोस्टर देखकर लगता है कि यह हिंदुओं की भावनाओं को आहत करती है क्योंकि इसमें अश्लील, अभद्र तस्वीरें और संवाद हैं।
इस पर न्यायमूर्ति कनाडे ने कहा कि लोगों के दिमाग में हजारों सालों से भगवान राम की छवि अंकित है और कोई इसे बिगाड़ नहीं सकता। वकील पांडेय ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल इतना चाहते हैं कि फिल्म का नाम बदल दिया जाए।
First Published: Wednesday, November 13, 2013, 21:42