Last Updated: Friday, February 21, 2014, 22:36

नई दिल्ली : 15वीं लोकसभा का अंतिम सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया और लगभग दो महीने बाद आम चुनावों के बाद 16वीं लोकसभा का गठन होगा। संसदीय इतिहास में कामकाज के प्रतिशत में अधिकतम गिरावट दर्ज करने और कई टकराव भरे मोड़ों से गुजरने के बावजूद 15वीं लोकसभा के अंतिम सत्र का समापन आज बड़े ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष ने एक दूसरे की जी भर कर सराहना की।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि विगत लोकसभाओं के मुकाबले 15वीं लोकसभा के दौरान बहुत कम काम हुआ तथा कई अप्रत्याशित और अवांक्षित घटनाओं ने सदन के निर्बाध संचालन और कामकाज को पंगु कर दिया। पिछले दस साल से प्रधानमंत्री का पदभार संभाल रहे मनमोहन सिंह ने कहा कि जनता को अब आगामी चुनावों में सरकार के प्रदर्शन, कमजोरियों और उपलब्धियों को आंकने का मौका मिलेगा।
अंतिम सत्र में तेलंगाना को लेकर सदन में हुए बवाल के दौरान कई अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिले। इसमें मिर्च स्प्रे के अलावा लोकसभा महासचिव के माइक और उनके आगे लगे मानीटर को तोडा गया। यही नहीं खुद सत्तारूढ दल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस दिये। और तो और आसन के सामने आकर तेलंगाना बनाने का विरोध करने वालों में मंत्री तक शामिल हुए। तेलंगाना विधेयक पारित होने से पहले सीमांध्र क्षेत्र के 16 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। तेलंगाना समर्थकों और विरोधियों के बीच कहासुनी, नारेबाजी, हाथापाई की नौबत जैसे दृश्य देखने को मिले।
इस दौरान कड़वे और खट्टे मीठे अनुभवों का जिक्र करते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की और स्वीकार किया कि कुछ अप्रिय घटनाओं के बावजूद इस लोकसभा ने ऐसे उल्लेखनीय विधेयक भी पारित किये, जिन्हें इतिहास याद रखेगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 21, 2014, 22:36