Last Updated: Sunday, November 17, 2013, 10:05
बेंगलूर : प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. सी एन राव ने कहा कि भारत रत्न सम्मान उनके लिए बिल्कुल आश्चर्यजनक है और उन्हें विश्वास नहीं होता कि वह देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से पुरस्कृत किए गए हैं। राव ने बेंगलूर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर संवाददाताओं से कहा, मुझे इसके बारे में त्रिंवेद्रम हवाई अड्डे पर पता चला लेकिन जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फोन पर मुझसे बात नहीं की तो मुझे विश्वास हुआ। मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि मैं (उनकी सरकार के प्रति) बहुत आभारी हूं। वह तिरूवनंतपुरम से आ रहे थे।
पांच दशक से अधिक गौरवशाली वैज्ञानिक करियर के दौरान 60 से अधिक मानद पीएचडी हासिल कर चुके राव ने कहा, यह मेरे लिए बिल्कुल आश्चर्यजनक था। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी किसी भी पहचान के लिए कड़ी मेहनत की और वह भारत रत्न के लिए अपनी पत्नी, अपने परिवार, बच्चों एवं उन युवाओं को श्रेय देते हैं जिन्होंने उनके साथ काम किया।
उन्होंने कहा, भारत के भविष्य युवा लोग हैं। मैं युवा पीढ़ी को श्रेय देता हूं जिन्होंने मेरे साथ काम किया और अपनी पत्नी एवं परिवार को भी श्रेय देता हूं। राव ने कहा कि भारत कठिन परिश्रम करने वालों को पुरस्कृत करता है न कि उनको जिनमें समर्पण और कठिन परिश्रम के गुण नहीं हैं।
राव ने कहा, भारत में यदि आप कठिन मेहनत करेंगे तो आपके बड़े अच्छे नतीजे मिलेंगे। यदि आप कठिन परिश्रम नहीं करें और अपने आप को समर्पित नहीं करेंगे (तो आपको कुछ नहीं मिलेगा।) उन्होंने कहा कि जब वह 60 साल पहले बनारस विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे और वैज्ञानिक बनने का निर्णय लिया था तब उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि वह उतनी उंचाई तक पहुंच जाएंगे।
उन्होंने कहा, मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि मेरा देश मुझे आज भारत रत्न देगा। एक सवाल के जवाब में राव ने कहा कि परमाणु वैज्ञानिक होमी भाभा को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत को चीन से सीख लेनी चाहिए जो विज्ञान के विकास में ढेर सारा निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, चीन की तरह भारत को लोगों, संस्थान एवं विज्ञान में निवेश करना चाहिए।
सचिन को भारत रत्न के लिए चुने जाने पर उन्होंने कहा, वह महान क्रिकेट्रर हैं और मैं बस इतना कह सकता हूं कि वह अनोखे हैं। राव की पत्नी इंदु को भी पहले इस खबर पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने कहा, मैंने कहा कि यह सही नहीं हो सकता। हम त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर बैठे थे जब एक कर्मचारी हमारे पास आया और कहा कि मेरे पति के लिए एक जरूरी कॉल है। मुझे लगा कि परिवार से कोई फोन होगा क्योंकि मेरा बेटा यहां रहता है। लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण कॉल निकला।
जब उनसे पूछा गया कि पति की उपलब्धि पर वह कैसा महसूस करती हैं, उन्होंने कहा, मुझे भिन्न कुछ नहीं लगा। मैं भी उतनी ही वृद्ध हूं। विद्यार्थी मेरे बच्चे हैं। हर बार मैं उन्हें भोज का न्यौता देती हूं। मैं यह 53 साल से करती आ रही हूं। इस उंचाई को हासिल करने में राव द्वारा उनके सहयोग की सराहना करने पर इंदू ने कहा, यह मेरा सौभाग्य है। ईश्वर ने मुझे ऐसा अवसर दिया कि मेरी शादी उनके साथ हुई। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 17, 2013, 10:05