Last Updated: Sunday, December 8, 2013, 00:43

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस आलाकमान को सीधे सीधे चुनौती देते हुए आज कहा कि जब आंध प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 राज्य विधानसभा में पारित होने के लिए आएगा तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि वह पारित ना हो।
राज्य के बंटवारे का जोरदार विरोध करने वाले रेड्डी ने विजयवाड़ा में कृष्णा नदी पर पुलीचिंताला सिंचाई परियोजना का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम निश्चित तौर पर मसौदा विधेयक को पारित नहीं होने देंगे जब वह विधानसभा में भेजा जाएगा। हम देखेंगे कि संसद उसे कैसे पारित करती है। अपनी गलती का एहसास करिये और आंध्र प्रदेश बांटने का निर्णय वापस लीजिये। आपका निर्णय राज्य के 75 प्रतिशत लोगों के दिल को चोट पहुंचा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘किसी के निहित हितों की पूर्ति के लिए राज्य का बंटवारा नहीं करिये। देश और राज्य स्थायी हैं..व्यक्ति नहीं। यदि आप राज्य को केसीआर (टीआरएस अध्यक्ष) की मांग के तहत बांटना चाहते हैं या आपकी नजर जगनमोहन रेड्डी (वाईएसआर प्रमुख) के समर्थन पर है तो आप उन्हें पार्टी में शामिल करिये..मुख्यमंत्री बनाइये।’
रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू (तेदेपा प्रमुख) को भी मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया जिन्होंने कथित तौर पर बंटवारे का पक्ष लिया था। उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम का लिया और सभी का आह्वान किया कि वे संसद में दिये उनके भाषण को याद करें जब 1970 के दशक में आंध्र प्रदेश के बंटवारे की मांग उठी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह चाहती थीं कि राज्य एकीकृत रहे और एक गांठ बांधी थी। यह दुख की बात है कि कांग्रेस अब उस गांठ को खोलने का प्रयास कर रही है।’ उन्होंने अखंड आंध्र प्रदेश के समर्थन में जारी आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमारे दिल्ली स्थित बड़ों ने अपनी आंखें, कान और मुंह बंद कर रखे हैं।’ रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस उसी डाल को काट रही है जिस पर बैठी हुई है। उन्होंने पार्टी को याद दिलाया कि राज्य किस तरह से उसका समर्थन आधार रहा है।
इस बीच केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री डी पुरंदेश्वरी ने आज संकेत दिया कि यदि केंद्र ने सीमांध्र क्षेत्र के लोगों की मांग और हितों की रक्षा नहीं की तो वहां से कांग्रेसी मंत्री और सांसद संसद में विधेयक के विरोध में वोट करेंगे। उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 8, 2013, 00:43