Last Updated: Thursday, April 24, 2014, 13:11
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को आश्वस्त किया कि वह लोकपाल की नियुक्ति पर तुरंत कोई निर्णय नहीं लेने जा रहा है। जानकारी के अनुसार, लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 मई को सुनवाई करने पर राजी हो गया है।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को जानकारी दी कि वह लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर तत्काल कोई निर्णय नहीं लेगी। केंद्र ने वस्तुत: इस ओर इशारा किया कि इस संबंध में निर्णय आम चुनावों के बाद बनने वाली नई सरकार पर छोड़ा जा सकता है।
सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश होते हुए कहा कि सरकार लोकपाल की नियुक्ति पर कोई निर्णय लेने की योजना नहीं बना रही है जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई पांच मई तक के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने कहा कि सरकार ने न्यायालय को भरोसा दिलाया है कि पांच मई तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा और सरकार के इस आश्वासन के बाद लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर अंतरिम आदेश देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एनजीओ कॉमन कॉज ने याचिका दायर करके लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि उच्चतम न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है, इसके बावजूद सरकार इस प्रक्रिया के साथ आगे बढ रही है। एनजीओ ने याचिका में कहा है कि न्यायालय लोकपाल अधिनियम के तहत बने नियमों की वैधता के मामले पर विचार कर रहा है। ऐसे में लोकपाल के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के साथ आगे बढ़ने का सरकार का ताजा कदम केवल अत्यंत अनुचित ही नहीं बल्कि अवैध और मनमाना है।
First Published: Thursday, April 24, 2014, 11:53