Last Updated: Monday, June 2, 2014, 19:40
नई दिल्ली: केंद्रीय शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन तथा संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य के प्रति बचनबद्ध है। नायडू नई दिल्ली में आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा हितधारक संगठनों जैसे-नेशनल हाउसिंग बैंक, इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन, फिक्की, एसोचैम, सीआईआई तथा सीआरईडीएआई के प्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2022 में भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष होगा और इस समय तक शहरी गरीब लोगों के मकान का सपना पूरा करना होगा। नायडू ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार का मुख्य जोर आने वाले वर्षो में आवश्यक सुविधाओं के साथ नियोजित आवास पर होगा, क्योंकि 2050 तक भारत की 50 प्रतिशत आबादी शहरों में बसेगी।
उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि 12वीं योजना में सस्ते मकान तथा झुग्गी-झोपड़ी विकास के लिए मंत्रालय के पास 35 हजार करोड़ रुपये हैं जबकि आवश्यकता अधिक की है। नायडू ने कहा कि इसी कारण से आवास क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी तथा सीएसआर की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कार्पोरेट, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों, स्थानीय निकायों तथा एलआईसी और बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों को अपने कर्मियों के लिए सस्ते मकान उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेनी होगी। नायडू ने बताया कि आवास परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी एक बड़ी बाधा है और इस पर वह पर्यावरण तथा वन मंत्रालय से बातचीत करेंगे।
बैठक में विभिन्न हितधारकों की ओर से आवास क्षेत्र में प्रक्रिया को सरल बनाने, कर सुधार, भूमि सुधार, प्रशासनिक सुधार, ऋण प्रणाली में सुधार तथा निर्माण क्षेत्र को अवसंरचना क्षेत्र का दर्जा देने संबंधी सुझाव दिए गए। हितधारकों ने यह भी बताया कि विभिन्न तरह की मंजूरियों के अभाव में आवास क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश रुका हुआ है।
नायडू ने बताया कि आने वाले 100 दिनों में इन सभी विषयों पर विचार किया जाएगा और सभी हितधारकों की चिंताओं का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि आवास क्षेत्र की समस्याओं पर विचार के लिए राज्यों के आवास तथा शहरी विकास मंत्रियों की शीघ्र बैठक बुलाई जाएगी। आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की सचिव अनिता अग्निहोत्री ने कहा कि आवास क्षेत्र को अवसंरचना का दर्जा देने के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत की जा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 2, 2014, 19:40