ओडिशा और आंध्रप्रदेश में तांडव करने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल पहुंचा तूफान ‘फैलिन’, कल पहुंचेगा यूपी

ओडिशा और आंध्रप्रदेश में तांडव करने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल पहुंचा तूफान ‘फैलिन’, कल पहुंचेगा यूपी

ओडिशा और आंध्रप्रदेश में तांडव करने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल पहुंचा तूफान ‘फैलिन’, कल पहुंचेगा यूपीज़ी मीडिया ब्यूरो
गोपालपुर (ओडिशा)/श्रीकाकुलम (आंध्र प्रदेश)/ नई दिल्ली : महातूफान ‘फैलिन’ शनिवार की रात ओडिशा और आंध्रप्रदेश में तांडव करने के बाद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। यह चक्रवाती तूफान आज झारखंड और पश्चिम बंगाल पहुंच गया, दोनों राज्यों में तेज बारिश हो रही है। बिहार में भी आज ही पहुंचेगा और कल उत्तर प्रदेश में दस्तक देगा। तूफान के खतरे को देखते हुए छह राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि तूफान का रफ्तार कम हुआ है। अब तूफान का रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा रह गया है, जो कल आंध्रप्रदेश और ओडिशा में 200 किलोमीटर प्रति घंटा था। जिससे दोनों राज्यों के तटीय इलाकों भारी तबाही की खबर है। हालांकि प्रशासन ने आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। फिर भी भीषण तूफान से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। अब पूरे उत्तर भारत में तेज बारिश हो रही है।

भीषण चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ आज काफी कमजोर हो गया लेकिन इसने ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में तबाही के निशान छोड़े हैं तथा इससे वहां संचार लाइनें बाधित हुई हैं।तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गये जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई। ओड़िशा के राजस्व एवं आपदा मंत्री एस एन पात्रो ने भुवनेश्वर में कहा कि यद्यपि ओड़िशा में सात लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है लेकिन ये मौतें चक्रवाती तूफान आने से पहले हुईं जब पेड़ स्थानीय लोगों पर गिर गए।

1999 के खतरनाक महाचक्रवात के बाद अब तक का दूसरा सबसे भीषण चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ शनिवार की रात ओडिशा के तट पर आ पहुंचा, जिसकी वजह से राज्य और निकटवर्ती उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में मूसलाधार बारिश हुई और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। हालांकि आज काफी कमजोर हो गया लेकिन इसने ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्रों में तबाही के निशान छोड़े हैं तथा इससे वहां संचार लाइनें बाधित हुई हैं। ओड़िशा के राजस्व एवं आपदा मंत्री एस एन पात्रो ने भुवनेश्वर में कहा कि यद्यपि ओड़िशा में सात लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है लेकिन ये मौतें चक्रवाती तूफान आने से पहले हुईं जब पेड़ स्थानीय लोगों पर गिर गए।

चक्रवाती तूफान के मद्देनजर आठ लाख लोगों को वहां से पहले ही निकाल लिया गया था। फैलिन विनाशकारी था लेकिन इसके आने से पहले व्यापक पैमाने पर लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था जिससे वर्ष 1999 के विनाशकारी तूफान की पुनरावृत्ति होने से बच गया जिसमें करीब 10 हजार लोग मारे गए थे।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने कहा कि ओड़िशा के तट पर कल पहुंचे भीषण चक्रवाती तूफान से किसी की मौत होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है। इस तूफान से राज्य और पड़ोसी आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटवर्ती क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही है तथा 200 किलोमीटर से अधिक की गति से हवाएं चल रही हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के प्रमुख कृष्णा चौधरी ने राजधानी दिल्ली में कहा, हमारी टीमें ओड़िशा और आंध्र प्रदेश दोनों जगहों पर हैं। अभी तक हमें कहीं से भी किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पात्रो ने बताया कि चक्रवाती तूफान ने ओड़िशा में तबाही के निशान छोड़ा है और इससे राज्य में सम्पत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। भुवनेश्वर में हजारों पेड़ गिर गए। उन्होंने बताया कि तूफान से गोपालपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर परमपुर नगर पहुंचा तो वहां कई इमारतें हिल गईं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा, गोपालपुर में सुबह आठ बजे हवा की गति कम होकर 90 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटे हो गई थी। हम इस तूफान से हुई तबाही का आकलन करने का अभी भी प्रयास कर रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि तूफान फिलहाल फूलवनी के पास स्थित है और ये 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से आगे बढ़ रहा है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भुवनेश्वर के निदेशक सरत साहू ने कहा, तूफान अभी कुछ और समय तक उत्तर की ओर बढ़ेगा और आज दोपहर तक कमजोर हो जाएगा और उसके बाद शाम में एक गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा। यद्यपि ओड़िशा के आंतरिक क्षेत्र में बारिश जारी रहेगी। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में राहत और बचाव अभियान पूरे जोरशोर से चलाया जा रहा है क्योंकि अधिकतर तटवर्ती क्षेत्र में तेज आंधी के साथ भारी बारिश जारी है। श्रीकाकुलम के कलेक्टर सौरभ गौड़ ने कहा कि तूफान प्रभावित 39 गांव जलमगग्न हो गये हैं।

श्रीकाकुलम जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है क्योंकि तूफान के पहुंचने के बाद गत 12 घंटे के दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कमांडेंट प्रशांत डार ने कहा कि राहत शिविरों में जिन लोगों को शरण दी गई है उन्हें भोजन, दवाएं और अन्य जरूरी चीजें मुहैया करायी जा रही हैं।

एनडीआरएफ को सभी मोर्चों पर क्षति को कम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एनडीआरएफ ने सुबह से अपना अभियान तेज कर दिया है और नौसेना को अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा, हमने सुबह छह बजे से राहत अभियान शुरू किया क्योंकि मौसम में सुधार हुआ है। हमें रिपोर्ट मिली है कि दो स्थानों पर 110 लोग फंसे हुए हैं। हमारी टीमें उन्हें बचाने के लिए रवाना हो गई हैं। चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों पेड़ गिर गए हैं। पेड़ों के सड़कों पर गिरने से यातायात प्रभावित हुआ है। एनडीआरएफ कर्मी रास्ता साफ करने के लिए गिरे पड़ों को हटाने का प्रयास कर रहे हैं।

एहतियाती कदम के तौर पर जिले के कुछ हिस्सों में बिजली का आपूर्ति रोक दी गई है क्योंकि उन क्षेत्रों में बिजली के कई खंबे गिर गए हैं। तटवर्ती जिलों में मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। कृषि और अन्य सम्पत्तियों को हुए नुकसान का अभी आकलन करना बाकी है। दोनों राज्यों में एनडीआरएफ के तीन हजार से अधिक कर्मी लगाये गए हैं और मलबों में दबे लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।

दार ने कहा कि आंध्र प्रदेश में दो स्थानों पर लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है तथा एनडीआरएफ की टीमें उन्हें बचाने के लिए वहां के लिए भेज दी गई हैं। एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार चक्रवात के प्रभाव से इमारतें और कुछ संचार टावर नष्ट हुए हैं। एनडीएमए उपाध्यक्ष ने कहा कि ओड़िशा के गंजाम जिले के गोपालपुर में स्थिति सुधरी है तथा हवा की गति में काफी कमी आई है। एनडीआरएफ वहां पर हुए नुकसान का आकलन करने का प्रयास कर रही है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक (चक्रवात चेतावनी) एम महापात्र ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे चक्रवात ने कमजोर होने के संकेत देने शुरू कर दिये क्योंकि हवा की गति 160 से 170 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई। उन्होंने यद्यपि कहा कि यह अभी भी बहुत भीषण चक्रवाती तूफान है। रेड्डी ने कहा कि गोपालपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर बरहमपुर में आज सुबह आठ बजे हवा की गति 70 से 80 किलोमीटर थी।

ओड़िशा में कच्चे मकानों को काफी नुकसान हुआ है, बिजली और संचार लाइनें आंशिक रूप से बाधित हुई हैं, रेल और सड़क यातायात बाधित होने की कई स्थानों विशेष रूप से गंजाम जिले से सूचना मिली है। एनडीएमए ने कहा कि हवा में उड़ते मलबों और मार्गों पर पानी भर जाने का खतरा है, फसलों को भी व्यापक नुकसान हुआ है। शाम तक ओड़िशा के तट और उसके आसपास समुद्र में उंची लहरें उठेंगी, उत्तर आंध्र प्रदेश तट और उसके आसपास समुद्र में लहरें बहुत उग्र और उंची लहरें उठेंगी जबकि पश्चिम बंगाल तट और उसके आसपास लहरे बहुत उग्र रहेंगी। आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल तट के मछुआरों को कल शाम तक समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। खतरे वाले क्षेत्रों में रेल और सड़क यातायात का उचित नियमन की सलाह दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को घर में रहने को कहा गया है।

एनडीएमए ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को ओड़िशा में 2300 कर्मियों की 29 टीमें, आंध्र प्रदेश में 1500 कर्मियों की 19 टीमों को जबकि पश्चिम बंगाल में 550 कर्मियों की सात टीमों को राहत अभियानों में लगाया गया है। कावित्री मंडल में 50 से 60 व्यक्तियों तथा श्रीकाकुलम के बारवा में 40 लोगों के फंसे होने की सूचना है जहां पर एनडीआरएफ की टीमें पेड़ों को हटाते हुए पहुंच रही हैं। एनडीआरएफ की टीमों ओड़िशा में सुबह से ही पेड़ों को हटाने में लगी हुई हैं तथा उन्होंने कोणार्कृ-पुरी मार्ग के 15 किलोमीटर के हिस्से से पेड़ और मलबे को हटाकर साफ कर दिया है।

ओडिशा केंद्रीय नियंत्रण कक्ष का हेल्पलाइन नंबरः- 0674-2534177
आंध्रप्रदेश में हेल्पलाइन नंबर :- 040-23456005/23451043

विभिन्न जिलों में हेल्पलाइन नंबरः-
गंजम : 06811-263978,
पुरी : 06752-223237,
केन्द्रपाड़ा : 06727-232803,
जगतसिंहपुर : 06724-220368,
बालासोर : 06782-262674,
भद्रक : 06784-251881,
मयूरभंज : 06792-252759,
जाजपुर : 06728-222648,
गजपति : 06815-222943,
ढेंकनाल : 06762-221376,
खुर्दा : 06755-220002,
क्योंझर : 06766-255437
कटक : 0671-2507842
भुवनेश्वरः 0674-2431403

First Published: Sunday, October 13, 2013, 09:04

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