Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 22:41
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : अमेरिका पर दबाव बढ़ाते हुए भारत ने गुरुवार को मांग की कि वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ बिना शर्त मामला वापस लिया जाए। इस बीच, यह भी संकेत हैं कि दोनों पक्ष पर्दे के पीछे मिलकर काम कर रहे हैं ताकि संबंधों में आई खटास को दूर किया जा सके।
उधर, न्यूयॉर्क में उप-महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े के साथ हुई बदसलूकी से नाराज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन को इस मुद्दे को ‘पूरी तरह सुलझाने’ के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि महिला राजनयिक से जुड़े मामले के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए प्रधानमंत्री को मेनन ने कल रात अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ फोन पर हुई अपनी बातचीत के बारे में बताया।
अमेरिकी विदेश मंत्री जान कैरी द्वारा गिरफ्तारी पर खेद जताए जाने के एक दिन बाद उनके समकक्ष सलमान खुर्शीद ने सार्वजनिक तौर पर यह मांग की कि 39 वर्षीय देवयानी के खिलाफ मामला वापस लिया जाए। इस भारतीय महिला राजनयिक को वीजा धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर और उनके वस्त्र उतारकर तलाशी ली गई थी। खुर्शीद ने कहा कि इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, काफी प्रयासों के बाद हमारे संबंध बने हैं और हमें इससे संवेदनशील तरीके से निबटना होगा।
मामले में पिछले एक दिन में राजनीतिक गतिविधियां काफी तेज हो गई। कैरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से फोन पर बातचीत की जबकि कल रात अमेरिका की राजनीतिक मामलों की विदेश उप मंत्री वेंडी शर्मन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह से करीब 40 मिनट तक बातचीत की। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी घटना की जानकारी दी गयी। इसके बाद व्हाइट हाउस ने गिरफ्तारी को ‘कभी कभार होने वाली घटना’ करार दिया और उम्मीद जताई कि इससे द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस मामले के समाधान के लिए भारत ने जो संभावित तरीका निकाला है उसमें देवयानी का तबादला न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के भारतीय स्थायी मिशन में किया गया है। देवयानी को अभी तक महावाणिज्य दूतावास में पूरी राजनयिक छूट प्राप्त नहीं थी लेकिन स्थायी मिशन में जाने से उन्हें पूरी तरह छूट मिलेगी और उन पर वहां अभियोजन भी नहीं चल सकेगा।
बहरहाल, वीजा धोखाधड़ी मामले का क्या भविष्य होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस मामले में देवयानी ने ढाई लाख डालर का मुचलका दिया है और उन्हें अपना पासपोर्ट सौंपना पड़ा है। यह भी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्या अमेरिकी प्रशासन एक अदालत में विचाराधीन इस मामले को वापस लेगा। भारत में जन्मे अमेरिकी सरकारी वकील प्रीत बरारा ने अप्रत्याशित रूप से दिए गए एक बयान में झुकने का कोई संकेत नहीं दिया है और देवयानी की गिरफ्तारी को उचित ठहराया है। भरारा ही इस मामले को देख रहे हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि देवयानी की लापता चल रही नौकरानी के परिवार को कुछ दिनों पहले भारत से `निकाल कर` अमेरिका लाया गया है। नौकरानी के साथ कथित र्दुव्यवहार के कारण ही भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी हुई थी। भारत ने भरारा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह भारतीय न्यायिक प्रणाली में हस्तक्षेप कर रहे हैं। भारत ने यह भी दावा किया है कि गिरफ्तारी के समय राजनयिक छूट के बारे में वियना समझौते को ध्यान में नहीं रखा गया।
विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक ऐसी कार्रवाई थी जो नहीं होनी चाहिए। इसके बाद उसे जायज ठहराने के वास्ते बयान देने पर अमेरिकी अटॉर्नी की उन्होंने निंदा की। प्रवक्ता ने कहा कि देवयानी के प्रति कोई विनम्रता नहीं दिखाई गई, जो इस मामले में एकमात्र ‘पीड़ित’ हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कानूनी प्रक्रिया स्वीकार करने के बावजूद बयान में केवल इस बारे में उल्लेख किया गया कि फरार नौकरानी संगीता रिचर्ड के परिवार को निकालना क्यों जरूरी हो गया था, ऐसा करके भारतीय कानूनी प्रणाली, उसके प्रवर्तन अधिकारियों और इस जिम्मेदारियों के बारे ‘परोक्ष टिप्पणी’ की गई है कि एक विदेशी सरकार के कानूनी अधिकारी अन्य देश के नागरिकों के बारे में झूठा दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि इस मामले में एकमात्र पीड़ित देवयानी हैं जो कि अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में भारतीय राजनयिक हैं।
वहीं, भारत ने न्यूयार्क में नियुक्त भारतीय उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी पर गुरुवार को पलटवार करते हुए अमेरिकी अधिकारियों पर भारतीय विधि व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में खोबरागड़े को `एकमात्र पीड़िता` बताया और कहा कि खोबरागड़े के खिलाफ की गई कार्रवाई वियना संधि का उल्लंघन है। अकबरुद्दनी ने बुधवार को मैनहट्टन के अमेरिकी एटॉर्नी द्वारा दिए गए बयान के जवाब में ये बातें कहीं।
पिछले सप्ताह न्यूयार्क में खोबरागड़े को वीजा धोखाधड़ी एवं अपनी गृह सहायिका संगीता रिचर्ड को वेतन न दिए जाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। खोबरागड़े ने बताया कि हिरासत के दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई, हालांकि खोबरागड़े के इस आरोप से अमेरिका ने इनकार किया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका द्वारा रिचर्ड के परिवार को भारत से चोरी छिपे बाहर निकाले जाने की जरूरत पर सवाल खड़े किए। उल्लेखनीय है कि खोबरागड़े ने पिछले वर्ष रिचर्ड के परिवार के खिलाफ नई दिल्ली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में अमेरिका द्वारा रिचर्ड के परिवार को भारत से बाहर निकाले जाने को जरूरी बताने वाली स्वीकारोक्ति पर कहा कि अमेरिका की यह टिप्पणी भारतीय विधि व्यवस्था पर अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप है और इस पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है।
उधर, न्यूयॉर्क में उप-महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े के साथ हुई बदसलूकी से नाराज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन को इस मुद्दे को पूरी तरह सुलझाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने कहा कि महिला राजनयिक से जुड़े मामले के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए प्रधानमंत्री को मेनन ने बुधवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ फोन पर हुई अपनी बातचीत के बारे में बताया। मेनन को फोन करने वाले केरी ने पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क में देवयानी की गिरफ्तारी और कपड़े उतारकर ली गई उनकी तलाशी के मामले पर खेद जताया और कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण सार्वजनिक मुद्दे से भारत के साथ ‘करीबी और अहम रिश्ते’ पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
वहीं, भारत और अमेरिका ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और उनकी कपड़े उतारकर ली गई तलाशी की घटना से उपजे हालात का हल करने के विशेष कदमों पर गुरुवार को रात चर्चा की। गौरतलब है कि राजनयिक के साथ हुए इस बर्ताव पर यहां कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। अमेरिका की राजनीतिक मामलों की सहायक उप विदेशमंत्री वेंडी शेरमन की विदेश सचिव सुजाता सिंह के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में इन कदमों पर चर्चा हुई। इससे पहले कल अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी की कल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ बातचीत हुई थी।
20-25 मिनट की बातचीत के दौरान वेंडी और सुजाता ने मुद्दे के हल के विशेष कदमों पर चर्चा की जबकि वेंडी ने अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा के बयान से दूरी बनाए रखी। भरारा ने वीजा जालसाजी आरोप पर पिछले हफ्ते न्यूयार्क में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी का बचाव किया था।
First Published: Thursday, December 19, 2013, 22:41