Last Updated: Tuesday, December 17, 2013, 23:10

नई दिल्ली : भारत ने न्यूयार्क में नियुक्त अपनी उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी और उनकी जामा तलाशी को ‘बर्बर’ कार्रवाई बताते हुए आज अमेरिकी राजनयिकों एवं उनके परिवार के लोगों के विशेषाधिकार छीनने, उनके सभी हवाईअड्डा पास वापस लेने तथा अमेरिकी दूतावास के लिए आयात मंजूरी रोकने सहित कई सख्त कदम उठाए।
न्यूयार्क स्थित भारतीय राजनयिक, देवयानी खोब्रागाडे की गिरफ्तारी और उनकी गहन तलाशी लिए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने अमेरिका से कहा कि उसे बिना शर्त माफी मांगनी होगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारतीय राजनयिक का सार्वजनिक अपमान करने के लिए अमेरिका को बिनाशर्त माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह बताने के लिए और कदम उठाए जाने की जरूरत है कि दुनिया बदल चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सभी कर्मियों एवं उनके परिवार के लोगों को अपना परिचय पत्र फौरन जमा करने को कहा है, जिन्हंे अब उसी स्तर की सुविधाएं दी जाएंगी जो अमेरिका हमारे वाणिज्य दूतों को वहां मुहैया करता है। अमेरिकी स्कूलों में नियुक्त सभी शिक्षकों के वीजा एवं अन्य ब्योरे तथा इन स्कूलों में भारतीयों के वेतन एवं बैंक खाते की जानकारी के अलावा वाणिज्य दूतावासों में नियुक्त सभी भारतीय कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले वेतन, दूतावास अधिकारियों और उनके घरेलू सहायकों को दिए जाने वाले वेतन जैसी अहम सूचना भी मांगी गई है। सरकार ने अमेरिकी दूतावास को शराब सहित सभी आयात मंजूरी पर रोक लगा दी। यहां न्याय मार्ग पर स्थित अमेरिकी दूतावास के यातायात अवरोधकों को भी हटा लिया जाएगा और सिर्फ चौकी रहने दी जाएगी।
भारत ने उपमहावाणिज्य दूत देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी पर सख्त प्रतिक्रिया जाहिर की है। वीजा फर्जीवाड़ा के आरोप में पिछले हफ्ते न्यूयार्क में सरेआम उन्हें हथकड़ी पहना दी गई थी। गौरतलब है कि 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएएफएस) की अधिकारी देवयानी (39) को वीजा फर्जीवाड़ा के आरोप में पिछले हफ्ते न्यूयार्क में एक सड़क पर उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थी। उन्हें सरेआम हथकड़ी भी पहना दी गई। हालांकि बाद में उन्हें 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
इस बीच, अमेरिका ने देवयानी की कथित जामा तलाशी को उचित वस्तुत: उचित ठहराते हुए कहा है उनकी गिरफ्तारी के दौरान मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मेरी हार्फ ने वाशिंगटन में रोजाना के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विदेश विभाग के दायरे के तहत आने वाली राजनयिक सुरक्षा की मानक प्रक्रियाओं का उनकी गिरफ्तारी के दौरान पालन किया गया। दरअसल उनसे भारतीय राजनयिक की जामा तलाशी किए जाने और उन्हें हिरासत में लेने के बाद नशीले पदार्थों के सेवन के आदी लोगों के साथ रखे जाने के अलावा उनका डीएनए नमूना लिए जाने की खबरों के बारे में पूछा गया।
उधर, इस अपमान को लेकर दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी दूतावास के बाहर लगाए गए सुरक्षा बैरिकेड्स हटा लिए। दशकों से लगे बैरिकेड्स दूतावास के इर्द-गिर्द आम जनता की आवाजाही रोकते थे और दूतावास के सामने से और दूतावास के पीछे स्थित वीजा कार्यालय के सामने से गुजरने वाले स्लिप रोड पर सामान्य वाहनों का आवागमन खासतौर से प्रतिबंधित था। भारत सरकार अमेरिकी वाणिज्यदूतावासों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले वेतन के विवरण भी मंगा रही है। इसमें अमेरिकी अधिकारियों के परिवारों में कार्यरत घरेलू नौकर भी शामिल हैं। सरकार को संदेह कि अमेरिकी दूतावासों में भारतीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जाता है। उल्लेखनीय है कि खोब्रागाडे पर पिछले सप्ताह वीजा धोखाधड़ी और झूठा बयान देने का आरोप लगाया गया।
मैनहट्टन के भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने वीजा धोखाधड़ी और अपने घरेलू नौकर व दायी का शोषण करने का देवयानी पर आरोप लगाया था। कानून प्रवर्तन से संबंधित अधिकारियों ने न्यूयार्क में गुरुवार को उन्हें सार्वजनिक तौर पर हथकड़ी पहनाई। उस समय वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थीं। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि खोब्रागाडे की गहन तलाशी ली गई, नशेड़ियों के साथ उन्हें हवालात में बंद किया गया और उनके डीएनए नमूने लिए गए।
उधर, दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अमेरिकी दूतावास के सामने की गई सुरक्षा घेराबंदी हटाते हुए दूतावास के भीतर और बाहर यातायात को सामान्य कर दिया। न्यूयार्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागडे की गिरफ्तारी और उनके साथ किए गए व्यवहार के बाद भारत ने अमेरिका से बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है। ठीक उसी दिन दिल्ली पुलिस ने दूतावास के आसपास की घेराबंदी को हटा दिया है।
चाणक्यपुरी के कूटनीतिक इलाके में अमेरिकी दूतावास के बाहर दो वर्ष पहले आतंकवादी हमलों की आशंका जताए जाने के बाद सुरक्षा के लिहाज से घेराबंदी की गई थी। दूतावास के सामने और कार्यालय के पीछे स्थित वीजा कार्यालय से खास तौर से वाहनों की सामान्य आवाजाही रोक दी गई थी। सड़क पर खड़ी की गई कंक्रीट की रुकावटों को हटाने के काम में दो क्रेन की मदद ली गई। रोक हटाने के दौरान दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे। करीब आधे घंटे तक रोक हटाने का काम जारी रहा। रोक हटाने के बारे में पुलिस ने अपनी ओर से कोई कारण नहीं बताया है।
First Published: Tuesday, December 17, 2013, 20:18