Last Updated: Thursday, October 24, 2013, 14:44
नई दिल्ली : उन्नाव में चल रही खुदाई को सोने की तलाश मानने से इनकार करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने वहां धातु होने के संकेत दिये हैं जो 1857 की क्रांति के दौरान भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किये गए हथियार भी हो सकते हैं।
उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में पिछले सात दिन से चल रही खुदाई में अभी तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम डेढ मीटर नीचे तक पहुंची है। एएसआई पर आरोप है कि उसने एक साधु शोभन सरकार के सपने के आधार पर खुदाई का काम शुरू कर दिया हालांकि अभी तक वहां 1000 टन सोना मिलने के कोई चिन्ह नहीं दिखे हैं।
कटोच ने एक इंटरव्यू में कहा कि इस खुदाई का किसी साधु के सपने से कोई सरोकार नहीं है। हमने जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर काम शुरू किया और जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, मैं उन पर आरोप लगाती हूं कि वे एएसआई के नियमित काम में बाधा डाल रहे हैं। हम सिर्फ उन्नाव में ही नहीं बल्कि देश भर में 148 स्थानों पर खुदाई कर रहे हैं जो आम तौर पर पहली अक्तूबर से मानसून शुरू होने तक चलती है।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें 1000 टन सोना मिलने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि जीएसआई रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां धातु है। यह मैं कैसे कह सकती हूं कि धातु क्या है। वह कुछ भी हो सकती है। सोना, चांदी, स्टील या कुछ और। कोई तोप, मूर्ति, बंदूक भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम सोना नहीं बल्कि 1857 के गदर के दौरान भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किये गए हथियार तलाश रहे हैं जो एएसआई के किसी संग्रहालय में नहीं हैं। उस इलाके के शासन राजा राम मोहन राव बख्श स्वतंत्रता सेनानी थे और गदर में शामिल थे और पूरी संभावना है कि उनके हथियार वहां जमीन के नीचे गड़े हों। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 24, 2013, 14:44