Last Updated: Monday, December 23, 2013, 22:57

नई दिल्ली : लोग जल्द ही नागरिक सेवाओं के इस्तेमाल के लिए धन का भुगतान, पंजीकरण और विभिन्न योजनाओं के लिए सरकारी विभागों से प्राप्त होने वाले एसएमएस संदेशों का इस्तेमाल दस्तावेजी सबूत के तौर पर कर सकेंगे।
केंद्र ने तकरीबन 100 विभागों के साथ मोबाइल शासन पर पायलट परियोजनाओं को पूरा करने और सिद्धांतों की जांच के बाद सोमवार को तकरीबन 241 एप्लिकेशन के साथ जनता के लिए एक प्लेटफॉर्म शुरू किया। ये एप्लिकेशन सूचना के अधिकार, स्वास्थ्य, आधार, शिक्षा, डायरेक्टरी सेवा जैसे अन्य क्षेत्रों को कवर करने से संबंधित हैं।
मोबाइल सेवा शुरू करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव जे सत्यनारायण ने कहा कि रेलवे की तरह हमें एक व्यवस्था बनानी है जहां लेन-देन का एसएमएस या जैसी स्थिति हो (यथा ई-मेल), सबूत के तौर पर दिखाने पर उसे वैध दस्तावेज माना जाएगा। उन्होंने कहा कि, हमारी पहुंच बढ़ाने के लिए हमें मोबाइल और ई-शासन में इस तरह के प्रचलन को लाने की आवश्यकता है। भारत में तकरीबन 90 करोड़ मोबाइल फोन उपभोक्ता हैं।
सत्यनारायण ने कहा कि फिलहाल डिजिटल हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र वैध सबूत के तौर पर स्वीकार किए जाते हैं लेकिन इसी तरह का नियम मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए भी बनाने की आवश्यकता है जहां एसएमएस या मोबाइल फोन पर उपलब्ध संचार को वैध सबूत के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है। डाइटी में संयुक्त सचिव राजेंद्र कुमार ने कहा कि विभाग मोबाइल फोन के लिए डिजिटल हस्ताक्षर के साथ तैयार है। सरकार उन संदेशों का इस्तेमाल कर सकती है जिसे सेवा के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को भेजा जाना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 23, 2013, 19:19