Last Updated: Monday, February 10, 2014, 12:48

जोधपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किए गए आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने यह आदेश देते हुए बचाव पक्ष के वकील राम जेठमलानी की दलीलों को खारिज कर दिया।
जेठमलानी ने कहा कि आसाराम लंबे समय से कारागार में हैं और वह कमजोर एवं बीमार हैं। अभियोजन पक्ष के वकील ने जेठमलानी की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि आरोप पत्र आरोपों को मजबूत करता है।
सरकारी वकील महिपाल बिश्नोई ने कहा, ‘इसके अलावा इस मामले की परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है।’ न्यायमूर्ति कौर ने दलीलें समाप्त होने के बाद तीन फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
आसाराम को यहां उनके एक आश्रम में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के आरोप में पिछले वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से जेल में हैं। इसके बाद सूरत निवासी दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साई पर बलात्कार का आरोप लगाया था।
राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की जमानत याचिका दूसरी बार खारिज हुई है। न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने अपने आदेश में कहाकि मामला दर्ज होने से लेकर परिस्थितियों में अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है। इसके साथ ही निचली अदालत में आरोप भी तय होने हैं। इसके चलते जमानत देना उचित नहीं होगा। गौरतलब है कि जोधपुर स्थित आश्रम में अपने गुरूकुल की एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में आसाराम सहित पांच आरोपी जेल में है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 10, 2014, 12:40