रिश्वत के आरोपों पर वीरभद्र सिंह की ज़ी मीडिया से खास बातचीत

रिश्वत के आरोपों पर वीरभद्र सिंह की ज़ी मीडिया से खास बातचीत

रिश्वत के आरोपों पर वीरभद्र सिंह की ज़ी मीडिया से खास बातचीत ज़ी मीडिया ब्यूरो


इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर लगातार भाजपा के वार झेल रहे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ अपनी छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ज़ी मीडिया संवाददाता दिलीप तिवारी को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के सभी आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से निशाना साधा हैं।

यह पूछे जाने पर कि वीरभद्र सिंह पर विरोधियों की तरफ से जो आरोप लगे हैं, उनमें कुछ सच्चाई भी है या वे आरोप केवल राजनीति से प्रेरित हैं। इस पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके दोनों पुत्रों ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, वे झूठे और निराधार हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन पर लगे आरोपों को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को किसी ने गुमराह किया होगा। ये सभी आरोप सस्ती राजनीति से प्रेरित हैं।

एक इस्पात कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप पर हिमाचल के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन तथ्यों के आधार पर जेटली ने आरोप लगाए हैं, उन आरपों की सीबीआई जांच हो रही है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि एक डायरी में जो `वीबीएस` है, वह उनका नाम नहीं है। वीरभद्र एक शब्द है और वह वी सिंह हैं न कि `वीबीएस`। वीरभद्र ने कहा कि उस डायरी में और लोगों के भी नाम हैं। उसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी नाम है। उन नामों की जांच हो हो रही है कि नहीं, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं।

मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच के सवाल पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि जांच में कुछ भी नहीं मिला। जिस इस्पात कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप उन पर लगाए गए हैं, उस कंपनी से उनका कभी कोई लेन-देन हुआ ही नहीं।

आईटी रिटर्न और रिवाइस आईटी रिटर्न में अलग-अलग जानकारियों देने के आरोपों पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि कानून में प्रावधान है कि आप अपने आयकर को रिवाइज कर सकते हैं और जिसने यह कहा है कि सेब स्कूटर और ऑयल टैंकर से ढोए गए, उस पर वह मानहानि का मुकदमा करने वाले हैं। सेब अगर स्कूटर से ढोए गए हैं तो यह काम उन्होंने नहीं किया। बहरहाल, इसकी जांच हो रही है, सच सामने आ जाएगा।

बैंक की बजाय एक व्यक्ति वाकामूला चंद्रशेखर से करोड़ों रुपए कर्ज लेने के सवाल पर वीरभद्र सिंह ने माना की उन्होंने वाकामूला से कर्ज लिए। वीरभद्र ने बताया कि बैंक में उनके निवेश हैं लेकिन ये निवेश दीर्घावधि वाले हैं और इस निवेश को यदि वह तोड़ते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। वीरभद्र ने कहा कि जो उन्होंने कर्ज लिया है, उसे वह ब्याज सहित लौटा देंगे। वीरभद्र ने कहा कि कोई भी रिश्वत क्रॉस किए हुए चेक से नहीं लेता।

तरणी इन्फ्रस्ट्रक्चर में शेयर होने के सवाल पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस कंपनी में उनका कोई शेयर नहीं है। मुख्यमंत्री ने हालांकि, कहा कि उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और पुत्री के नाम शेयर हैं और शेयर के लिए उन्होंने एक साल पहले आवेदन किया था। वीरभद्र ने पूछा कि किसी कंपनी में शेयर लेना क्या कोई जुर्म है।

बातचीत में वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व राज्य सरकार की कार्यकाल में जो गड़गबड़िया हुई हैं, उन पर कांग्रेस पार्टी ने आरोपपत्र तैयार किया है, राज्य सरकार उनकी जांच करा रही है। जांच से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। यह एक निष्पक्ष जांच होगी। जांच में दोषी पाए जाने पर ही कार्रवाई होगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन पर जो आरोप लगे हैं, उस बारे में उन्होंने अपना पक्ष कांग्रेस आलाकमान को लिखित रूप में अवगत कराया है।

First Published: Monday, January 20, 2014, 19:48

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