Last Updated: Thursday, December 20, 2012, 20:00
हिमाचल प्रदेश में चुनाव का इतिहास रहा है कि यहां की सत्ता में भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से आती रही हैं और इस बार के चुनाव में भी यही हुआ। हालांकि, कुछ चुनावी पंडितों का मानना था कि केंद्रीय स्तर हुए तथाकथित घोटालों और बढ़ती महंगाई ने यदि चुनाव पर असर डाला तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी मुश्किल हो सकती है लेकिन राज्य में ‘एंटी इन्कमबैंसी फैक्टर’ काम कर गया जिसका लाभ भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे वीरभद्र सिंह को मिला।