उम्मीद है 2004 के हालात नहीं दोहराए जाएंगे: बुद्धदेव

उम्मीद है 2004 के हालात नहीं दोहराए जाएंगे: बुद्धदेव

कोलकाता : कांग्रेस की अगुवाई वाले संप्रग के स्थान पर भाजपा की अगुवाई वाले राजग के सत्ता में आने की स्थिति को आसमान से गिरे और खजूर में अटकने जैसी हालत बताते हुए माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य बुद्धदेव भट्टाचार्य ने उम्मीद जतायी कि 2004 जैसे हालात नहीं होंगे जब पार्टी को कांग्रेस का समर्थन करना पड़ा था।

भट्टाचार्य ने कहा, मैं आपको कह सकता हूं कि हम पूरी मजबूती के साथ भाजपा को रोकने की कोशिश करेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस की नव उदारवादी नीतियों का स्वागत करते हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। उन्हें हराया जाना चाहिए। उन्होंने दो भारत का निर्माण किया है..एक अमीरों के लिए और एक गरीबों के लिए। यह पूछे जाने पर कि यदि हालात की मांग होती है तो क्या माकपा लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ जाएगी, उन्होंने कहा, यह हमारी रणनीति का हिस्सा नहीं है कि किसी भी तरह से कुछ राजनीतिक ताकतों को सक्रिय किया जाए और चुनाव के बाद कांग्रेस के काफिले में शामिल हो जाएं। इस सवाल पर कि क्या उनकी पार्टी 2004 जैसे हालात बनने पर कांग्रेस का समर्थन करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, केवल तभी जब 2004 जैसे हालात होते हैं तथा कोई और रास्ता नहीं बचता है। उन्होंने कहा, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि 2004 जैसे हालात फिर से नहीं होंगे, जब हमें सांप्रदायिक भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस का पक्ष लेना पड़ा था।

माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा ने वर्ष 2004 के आम चुनाव के बाद कांग्रेस को समर्थन दिया था लेकिन भारत-अमेरिका परमाणु करार के विरोध में संप्रग 1 से समर्थन वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि एक गंभीर स्थिति पैदा हो गयी है। कांग्रेस का आधार खत्म हो रहा है और भाजपा आगे बढ़ रही है।

भट्टाचार्य ने कहा, जहां तक वाम का संबंध है, यह कोई स्वागत योग्य स्थिति नहीं है। हमें देखना होगा कि हम कैसे सार्थक भूमिका अदा कर सकते हैं और कैसे हम सही मायने में धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और लोक समर्थक विकल्प गठित कर सकते हैं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए एक खतरा बताते हुए भट्टाचार्य ने कहा, यह किसी एक व्यक्ति की एकल महत्वाकांक्षा नहीं है। यह राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ और भारतीय कोरपोरेट का संयुक्त प्रायोजन है। यह बेहद खतरनाक है। मोदी की अवधारणा को कोरपोरेट से उपजा विकास बताते हुए उन्होंने कहा, हमारा समग्र विकास है। जहां तक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं आदि का संबंध है, गुजरात में हालात अच्छे नहीं है। भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी का अभी गुजरात दंगों के दौरान अपनी जिम्मेदारी को लेकर हो रही आलोचना से पाक साफ निकल कर आना बाकी है।

प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के विभिन्न सर्वेक्षणों में अन्य से आगे चलने की बात पर उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, तो क्या? इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी नीतियां न्यायोचित हैं , वे अच्छी हैं। मुझे इस प्रकार के सर्वेक्षणों के तौर तरीकों को लेकर इन चैनलों और एजेंसियों की रिपोटरे पर कुछ संदेह है। उन्होंने सवाल किया, 1933 में जर्मनी में हिटलर चुनाव जीत गए थे तो क्या इसका मतलब यह है कि उनकी नीतियां सही थीं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 23, 2014, 12:04

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