Last Updated: Friday, October 18, 2013, 22:12
नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा देशभर में बिना पर्यावरण संबंधी मंजूरी के नदियों के किनारों और समुद्र तटों से रेत खनन पर रोक लगाये जाने के दो महीने बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने आज कहा कि बालू निकालने पर शत प्रतिशत पाबंदी गलत है।
न्यायमूर्ति सदाशिवम ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि मुझे अफसोस है कि कुछ अदालतों, कुछ न्यायाधिकरणों ने इन गतिविधियों (नदियों के किनारों से रेत के खनन) पर प्रतिबंध लगा दिया है। शत प्रतिशत पाबंदी है। मेरा कहना है कि यह गलत है।
सीजेआई ‘थर्ड फाउंडेशन डे’ और एनजीटी के नये परिसरों के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। एनजीटी का कामकाज 18 अक्तूबर, 2010 में इसकी शुरूआत के समय से दो अलग अलग जगहों पर अस्थाई ठिकानों से चल रहा था जिन्हें अब लुटियन दिल्ली के फरीदकोट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 18, 2013, 22:12