Last Updated: Tuesday, January 14, 2014, 23:06

नई दिल्ली : साल 1984 में इंदिरा गांधी सरकार के ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की तत्कालीन मारग्रेट थचर सरकार द्वारा मदद के दावों पर भारत ने मंगलवार को ब्रिटेन से जानकारी मांगने की बात कही है वहीं पूरे मामले में राजनीतिक दलों ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अकाली दल ने सिखों के खिलाफ साजिश का खुलासा होने की बात कही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने यहां कहा, ‘हमने अखबारों में इन खबरों को देखा है। हमने इस संबंध में ब्रिटेन सरकार से जानकारी मांगी है और बिना तथ्यात्मक जानकारी के मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।’ भाजपा ने ऑपरेशन ब्लूस्टार से जुड़ी खबरों पर सरकार से स्थिति साफ करने की मांग करते हुए पूछा कि क्या अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे हुए सिख उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना ब्रिटिश सरकार की सलाह पर बनाई गयी थी या अन्य किसी देश से भी इस मामले में सलाह ली गयी थी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, ‘अभी इस बात में समय है कि भारत सरकार हमें वास्तविकता बताए। इससे भारत की जनता को समझ पाने में मदद मिलेगी कि क्या ऑपरेशन ब्लूस्टार रणनीतिक भूल तो नहीं थी।’ ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसद टॉम वाटसन और लॉर्ड इंदरजीत सिंह ने हाल ही में कहा था कि ब्रिटेन में कुछ वर्गीकृत दस्तावेजों में पता चला कि मारग्रेट थचर सरकार ने स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को निकालने की योजना में इंदिरा गांधी को सलाह देने के लिए विशेष वायु सेवा (एसएएस) के एक अधिकारी को भारत भेजा था।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद आज ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने तत्काल मामले की जांच का आदेश दिया। पंजाब में सत्तारूढ़ अकाली दल ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी दूसरे देश की संलिप्तता से सिख बहुत चिंतित हैं। अकाली नेता नरेश गुजराल ने आरोप लगाया कि जनवरी, 1984 में साजिश रची गयी थी।
उन्होंने कहा, ‘आपने अपने आंतरिक सुरक्षा के मामले के लिए दूसरे देश को आमंत्रित किया। भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया था।’ अकाली दल के सचिव दलजीत सिंह चीमा ने चंडीगढ़ में कहा, ‘कांग्रेस राजनीतिक फायदों के लिए राष्ट्रीय संप्रभुता से समझौता करने की हद तक चली गयी थी।’ उन्होंने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से इन खबरों पर स्थिति साफ करने को कहा।
ऑपरेशन ब्लूस्टार को संचालित करने वाले सैन्य विभाग के अगुवा रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह बरार ने दावा किया कि भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था। उन्होंने इस तरह के दस्तावेजों की वास्तविकता पर ही सवाल उठाया जो विदेशी सलाह की ओर इशारा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने कभी ब्रिटेन से किसी को यहां आकर हमें अभियान की योजना के बारे में बताते नहीं देखा।’ बरार ने कहा कि इन दस्तावेजों की सचाई की पड़ताल होनी चाहिए। जेटली ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में छिपे हुए उग्रवादियों को निकालने के वैकल्पिक तरीके खोजने के बजाय सरकार ने ऑपरेशन को अंजाम दिया और सिखों की भावनाओं को आहत किया।
उन्होंने कहा, ‘अगर फरवरी, 1984 में ब्रिटिश सरकार से सलाह ली जा रही थी तो इस तथ्य की ओर इशारा जाता है कि भारत सरकार ने न तो कभी शुरूआती स्तर पर समस्या का निदान करने में भरोसा किया और न ही स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को निकालने के वैकल्पित तरीके खोजे।’ खबरों में जिन दस्तावेजों का संदर्भ है उन्हें लंदन में राष्ट्रीय अभिलेखागार ने जारी किया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 14, 2014, 23:05