मरीन केस: विदेश मंत्रालय की राय से सहमत कानून मंत्रालय

मरीन केस: विदेश मंत्रालय की राय से सहमत कानून मंत्रालय

नई दिल्ली : इतावली मरीन मामले में एक नया मोड़ आया है । केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शनिवार को विदेश मंत्रालय की इस राय से सहमति जाहिर की कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के दो मरीनों पर समुद्री डकैती विरोधी वह विवादित कानून लागू नहीं किया जाएगा जिसका इटली की सरकार ने कड़ा विरोध किया है।

सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय की राय है कि समुद्री नौवहन की सुरक्षा के खिलाफ सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट (एसयूए) दोनों इतालवी मरीनों के मामले में लागू नहीं किया जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय की राय से मेल खाती कानून मंत्रालय की इस राय से आज गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया गया। यह जानकारी सूत्रों ने दी। अब पूरा मामला गृह मंत्रालय के पाले में है।

ताजा घटनाक्रम इसलिए अहम है क्योंकि कानून मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से महज दो दिन पहले अपनी राय दी है। न्यायालय ने सरकार से कहा था कि वह इस मामले में सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट को लागू करने पर अपने बीच के मतभेद को खत्म करे।

बीती 18 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि सरकार इस मुद्दे पर कानून मंत्रालय की राय का इंतजार कर रही है। इटली सरकार इस मामले में सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट को लागू करने का पुरजोर विरोध कर रही है।

यह पूरा मामला 15 फरवरी 2012 को केरल तट पर ‘एनरिका लेक्सी’ नाम के पोत में सवार इटली के दो मरीनों द्वारा कथित तौर पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या से जुड़ा है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 22, 2014, 23:16

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