Last Updated: Wednesday, February 26, 2014, 18:45
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : तमाम अटकलों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन लगभग तय हो गया है। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेस कर स्पष्ट किया कि हम 3-4 दिन में गठबंधन पर फैसला ले लेंगे, साथ ही उन्होंने बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी भाजपा से गठबंधन के खिलाफ नहीं है। सूत्रों ने ज़ी न्यूज को बताया कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा बिहार में सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
भाजपा और लोजपा के बीच गठबंधन की घोषणा दो तीन दिनों में किए जाने की संभावना है। लोजपा संसदीय बोर्ड ने इस बारे में अतिम फैसला करने के लिए पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान को अधिकृत कर दिया है। पार्टी ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राजद के साथ अपनी कटुता को भी नहीं छिपाया। रामविलास पासवान के पुत्र और लोजपा संसदीय पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने संवाददाताओं से कहा, लोजपा संसदीय बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि अगर वे मजबूत हैं तो भी पार्टी के हित में सभी कदम उठाये जाने चाहिए और अगर कोई वैकल्पिक गठबंधन बनाना है तो पार्टी अध्यक्ष राम विलास पासवान को निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और लोजपा के साथ गठबंधन के मुद्दे पर गतिरोध है। यह पूछे जाने पर कि क्या लोजपा भाजपा के साथ गठबंधन करेगी उन्होंने कहा कि लोजपा के लिए अब सभी विकल्प खुले हैं।
लोजपा प्रमुख ने कहा कि संसदीय बोर्ड में सदस्यों की यह राय थी कि भाजपा के साथ जाने का विकल्प भी खुला रखा जाना चाहिए। रामविलास पासवान ने कहा, राजद के साथ हमारी शिकायतें लंबे समय से रही हैं। मैं तो लालू जी से जेल में भी मिलने गया था। लेकिन उनके बाहर आने के तुरंत बाद से राजद नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया कि लोजपा को सिर्फ तीन सीट मिलना चाहिए। इसलिए सीटों के तालमेल पर निर्णय हमने कांग्रेस पर छोड़ दिया था। मैंने महीनों इंतजार किया लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ।
पासवान ने कहा, उन्होंने यह मान लिया कि लोजपा कुछ भी नहीं है। वह अप्रासंगिक है। अगर एक (राजद) 25 सीट लेता है और दूसरा (कांग्रेस) 15 सीट लेता है तो इसका मतलब है कि वे लोजपा को गठबंधन के एक हिस्से के रूप में नहीं मानते और यही कारण है कि पार्टी ने मुझे नये विकल्पों को खोजने के लिए अधिकृत किया है। ऐसी चर्चा थी कि लोजपा ने पहले जदयू के साथ भी गठबंधन की संभावनाओं को तलाशा था। यह पूछे जाने पर कि क्या लोजपा को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के साथ हाथ मिलाने में कोई दिक्कत नहीं है राम विलास पासवान ने कहा, लोजपा में भाजपा के साथ जाने के खिलाफ राय नहीं है। गठबंधन के बारे में फैसला तीन चार दिनों में लिया जाएगा चूंकि पार्टी ने इसके लिए जिम्मेदारी दी है।
पासवान ने कहा, पार्टी नये विकल्पों की ओर देख रही है। इसका मतलब है कि पुराने विकल्पों में गतिरोध है। हमारा गठबंधन राजद के साथ था। उस विकल्प में अब गतिरोध है। अब कोई संवाद नहीं है। चर्चा है कि भाजपा के अनेक नेताओं की चिराग पासवान से मुलाकात हुई है। यह भी चर्चा है कि बिहार में भाजपा ने लोक जनशक्ति पार्टी को सात सीटों की पेशकश की है जबकि पार्टी 9 सीटों पर जोर दे रही है। राज्य में लोकसभा की 40 सीटें हैं। भाजपा के नेता शाहनवाज हुसैन ने कुछ दिनों पहले लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से मुलाकात की थी जबकि भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद की गत 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन पासवान से मुलाकात हुई थी।
वर्ष 2002 में गुजरात दंगों के मद्देनजर रामविलास पासवान ने वाजपेयी सरकार से इस्तीफा दिया था। लोजपा 2004 से 2009 तक कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए एक सरकार का हिस्सा थी और पासवान केन्द्र में मंत्री थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा चार सीटें जीत कर आयी थी। 2009 के आम चुनाव में उसका खाता नहीं खुला था और खुद पासवान चुनाव हार गये थे। लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता रामा सिंह ने कहा, राजद से हमारा गठबंधन अब समाप्त हो गया है। लोजपा सूत्रों ने बताया कि लोजपा और भाजपा के बीच तालमेल के लिए बातचीत पहले से ही प्रगति पर है। अब तक जो बातचीत हुई है उसके मुताबिक भाजपा बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से सात सीटें लोजपा को देने पर सहमत है।
जिन सीटों पर अब तक लगभग सहमति बन गयी है उनमें हाजीपुर, समस्तीपुर, जमुई, मुंगेर, खगड़िया और वैशाली है, जबकि भाजपा औरंगाबाद से जदयू के बागी सांसद सुशील कुमार सिंह को लोजपा टिकट पर उतारना चाहती है। इस सवाल पर कि वह मोदी के साथ कैसे जा सकते हैं जबकि गुजरात दंगों के कारण उन्होंने वाजपेयी सरकार छोड़ा था, पासवान ने कहा कि एक तरफ व्यक्तिगत भावनाएं हैं और दूसरी तरफ पार्टी है। पार्टी मेरी मां की तरह है और इसका निर्णय सभी पर बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्णय के बाद वैकल्पिक गठबंधन के बारे में अब विकल्प खुला है। उन्होंने इस सवाल को खारिज कर दिया कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से उनकी धर्मनिरपेक्ष विश्वसनीयता कमजोर होगी। उनका कहना था कि लोजपा अपनी विचारधारा पर कायम रहेगी।पासवान ने कहा, दुनिया को यह बताने की जरूरत नहीं है कि रामविलास पासवान धर्मनिरपेक्ष हैं। धर्मनिरपेक्षता के लिए हमारी पार्टी को बहुत कुछ सहना पड़ा है।
* हमारी पार्टी भाजपा के खिलाफ नहीं है- रामविलास
* गठबंधन पर 3-4 दिनों में फैसला लेंगे- रामविलास
* तीसरे मोर्चे को लेकर कोई बात नहीं हुई- रामविलास
* हमारी पार्टी में तानाशाही नहीं है- रामविलास
* धर्मनिरपेक्षता हमारा मिशन है और हमेशा रहेगा- रामविलास
* आरजेडी से हमारा गठबंधन खत्म हो चुका है- रामविलास पासवान
* भाजपा से गठबंधन के खिलाफ नहीं है लोजपा- रामविलास
* पार्टी मां के समान होती है- रामविलास
* हमारा गठबंधन आरजेडी से था कांग्रेस से नहीं- रामविलास
* कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर नहीं- रामविलास
* आरजेडी ने हमें पूरी जगह नहीं दी- रामविलास
* सोनिया गांधी से दो बार मिला- रामविलास
* हमने कांग्रेस से कई बार बातचीत की- रामविलास
* वैकल्पिक व्यवस्था में भाजपा के साथ गंठबंधन पर विचार किया गया- रामविलास
* यह सिर्फ मेरा मामला नहीं, पार्टी का मामला है- रामविलास
* पार्टी अध्यक्ष को फैसला लेने का अधिकार- चिराग
* संसदीय दल की बैठक में गठबंधन पर विचार- चिराग
* हमारी पार्टी अध्यक्ष को अपनी बात बता दी है- चिराग
* चुनावों के लिए बड़े फैसले करने जरूरी- चिराग
* अगर गठबंधन बदलना हो तो बदल सकते हैं- चिराग
* संसदीय दल की बैठक में गठबंधन पर विचार किया गया-चिराग पासवान
First Published: Wednesday, February 26, 2014, 14:21