Last Updated: Monday, March 3, 2014, 21:31
सियासत में सत्ता के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जाते हैं। चाहे वो विरोधियों पर वार हो या अपनी जय जयकार। लेकिन सियासत के मैदान में उतरी पार्टियां दिन के साथ ही अपनी नीतियां बदलने लगें तो ये कितना सही है? नेता ज़रूरत के हिसाब से रंग बदलते हैं, दल भी बदल लेते हैं ऐसे में उनकी नीतियों की बात तो नहीं की जा सकती लेकिन एक विचारधारा को लेकर राजनीति में उतरीं पार्टियां अगर सत्ता के लिए सियासत में अपनी विचारधारा से हाथ धो लें तो ऐसा करना कहां तक उचित है।