PM बनने की महात्वाकांक्षा के चलते भाजपा से अलग हुए नीतीश: मोदी

PM बनने की महात्वाकांक्षा के चलते भाजपा से अलग हुए नीतीश: मोदी

PM बनने की महात्वाकांक्षा के चलते भाजपा से अलग हुए नीतीश: मोदी  पूर्णिया : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने के चलते जद (यू) नेता ने भाजपा से नाता तोड़ा और उनका अहंकार माउंट एवरेस्ट से ऊंचा है।

पूर्णिया शहर के रंगभूमि मैदान में भाजपा द्वारा सोमवार को आयोजित हुंकार रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने सवाल किया, ‘भाजपा-जद (यू) गठबंध क्यों टूटा? कुछ कहते हैं कि यह पीठ में छुरा घोंपने की उनकी आदत है.. हमें चार दिन पहले इसकी जानकारी मिली है।’ मोदी ने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री बनने का सपना उन्हें सोने नहीं देता। उनका अहंकार माउंट एवरेस्ट से ऊंचा है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री पद का कोई उम्मीदवार उनके इतना अच्छा नहीं है।’

मोदी बिहार के मुख्यमंत्री की पिछले हफ्ते की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री पद के लिए जो घूमते फिर रहे हैं, वह उनसे ज्यादा योग्य हैं। मोदी ने कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो उनकी सरकार कुमार की मांग के अनुरूप बिहार को विशेष पैकेज और कल्याण के लिए कुछ भी देगी। बहरहाल, उन्होंने नीतीश पर चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले घोषणा करनी होगी कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह बिहार को केन्द्र की किसी पेशकश से इनकार नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि 2010 में मोदी ने बाढ़ राहत के लिए गुजरात की तरफ से बिहार को 5 करोड़ रुपए की पेशकश करने के बाद अखबारों में इसका विज्ञापन कर दिया था। इसके बाद, नीतीश ने इसे वापस कर दिया था। मोदी ने जद (यू) नेता का नाम लिए बिना आरोप लगाया, ‘उनका अहंकार इतना है कि उन्होंने धन लौटा कर वस्तुत: गुजरात की जनता के मुंह पर थूक दिया। इस तरह के नेताओं को घोषणा करनी चाहिए कि वे केन्द्र की पेशकश नहीं ठुकराएंगे और अपनी सनक के लिए लोगों को उनके अधिकार से वंचित नहीं करेंगे। उन्होंने जो किया उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’

भाजपा नेता ने अच्छी कानून-व्यवस्था और विकास कार्य के दावे पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के चलते राज्य सरकार बढ़ते अपराध, आतंकवाद और नक्सली हिंसा के मामलों पर अंकुश लगाने में विफल रही है। मोदी ने अपने एक घंटे के भाषण का बड़ा हिस्सा नीतीश पर केन्द्रित किया। उन्होंने मुसलमानों का हितैषी होने के नीतीश के दावे पर सवालिया निशान लगाते हुए बिहार और गुजरात में मुसलमानों की स्थिति से जुडे आंकड़े पेश किए। भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने गुजरात में ‘सच़्ची’ धर्मनिरपेक्षता पर अमल किया है।

मोदी ने कहा कि जो आंकड़े वह पेश करने जा रहे हैं वह दिल्ली में बैठी और स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के हैं। उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में शहरी मुसलमानों में गरीबों की संख्या करीब 45 प्रतिशत है जबकि जिस गुजरात को गालियां दी जाती है वहां यह प्रतिशत केवल 24 है।

मोदी ने कहा कि बिहार में ग्रामीण इलाकों में गरीब मुसलमानों का प्रतिशत 38 है जबकि गुजरात में केवल सात प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि शहरी मुसलमानों द्वारा प्रति व्यक्ति मासिक खर्च बिहार में 550 रुपए है जबकि यह गुजरात में 875 रुपया है। भाजपा नेता ने कहा कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के मुसलमानों के द्वारा प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 426 रुपए है जबकि यह गुजरात में 670 रुपए है।

मोदी ने कहा कि बिहार में मुसलमानों में साक्षरता दर 42 प्रतिशत है जबकि गुजरात में 74 प्रतिशत है और उनके नवजात बच्चों की मृत्य दर बिहार में एक हजार पर 71 है जबकि गुजरात में 34 प्रति हजार है। मोदी ने बताया कि बिहार में इस समुदाय के पांच वर्षों से कम आयु के बच्चों की मृत्य दर प्रति एक हजार में सौ है जबकि गुजरात में यह संख्या 50 है। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास योजना के तहत मुसलमान बच्चों को मदद बिहार में केवल दो प्रतिशत बच्चों को जबकि गुजरात में इस योजना के तहत 32 प्रतिशत को मिलती है।

मोदी ने कहा, ‘सभी मुसलमानों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर आपकी आंखों में धूल झोंकी गई है। मैं इस झूठ का पर्दाफाश करना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘हम विविधता का सम्मान करते हैं। गुजरात की धर्मनिरपेक्षता सच्ची धर्मनिरपेक्षता है।’ उन्होंने नीतीश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि इस प्रदेश में 1900 ऐसे स्कूल हैं जिनका सिर्फ कागज पर ही आस्तित्व है और ऐसे 90 स्कूल पटना जिले में हैं। ऐसे में इन कागजी स्कूलों के बच्चों का क्या भविष्य बन सकता है।

मोदी ने कहा कि विकास सर्वसमावेश और सर्वपोषक होना चाहिए और अगर उनकी सरकार (लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में बनने वाली भाजपा नीत राजग सरकार) बनी तो उसकी सोच रहेगी कि देश के पूर्वी इलाकों जिसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा आदि शामिल हैं पर ध्यान देकर उन्हें पश्चिम के विकास के बराबर लाना।

उन्होंने नीतीश की अगुआई में बनाए जा रहे गैर कांग्रेसी और गैर भाजपा वाले तीसरे मोर्चे पर निशाना साधते हुए कहा कि इसमें या तो पूर्व प्रधानमंत्रियों की टोली या फिर प्रधानमंत्री बनने के सपने देखने वालों का जमावड़ा है। मोदी ने तीसरे मोर्चे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए कपड़े सिलाकर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब बिहार में बाढ़ आई थी, जब गुजरात में भूकंप आया था और जब असम में दंगा हुआ था तो तीसरे मोर्चे वाले कहां थे।

राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और लोक जनशक्ति पार्टी नेता रामचंद्र पासवान के साथ मंच साझा कर रहे मोदी ने कहा कि जब चुनाव का बिगुल बजता है तभी इनकी नींद खुलती है और फिर सो जाते हैं और अगला चुनाव का बिगुल बजेगा तो वे फिर उठकर खडे हो जाएंगे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और राजद के बीच हुए गठबंधन की ओर इशारा करते हुए तथा चारा घोटाला मामले में सजा पाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज बिहार की गाय एवं भैंसें भी डर गई हैं, उन्हें चिंता सताने लगी है कि इनका (राजद) और कांग्रेस का गठबंधन फिर हमें चारे के बिना तो नहीं रखेगा।

उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति गठबंधन की राजनीति है और इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा। भाजपा के नेतृत्व में हर गठबंधन सफलतापूर्वक चलता रहा है। जिन प्रदेशों में नेतृत्व भाजपा के हाथ में रहा है, वहां उसके गठबंधन को कोई संकट नहीं आया है क्योंकि भाजपा के संस्कार में सबको साथ लेकर चलना शामिल है।

मोदी ने कहा कि आज देश में अलग-अलग राजनीतिक संस्कृति दिखायी दे रही हैं जिसमें एक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बना राजग गठबंधन है और दूसरा भ्रष्ट बंधन है जिसमें भ्रष्टाचारी एक-दूसरे को बचाने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में तीसरी राजनीतिक संस्कृति गठबंधन की है। सारे लाठी में विश्वास करने वाले लोग हैं और ऐसे लोगों का जमावडा हो रहा है। (एजेंसी)

First Published: Monday, March 10, 2014, 23:58

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