Last Updated: Wednesday, September 19, 2012, 18:30
रूश्दी ने माना है कि अपनी पुस्तक ‘द सैटनिक वर्सेस’ पर भारत में प्रतिबंध लगाने की आलोचना करते हुए वर्ष 1988 में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को जो पत्र लिखा था वह ‘अहंकार भरा’, ‘गुस्से से भरा’ और ‘गुस्ताखी भरा’ था।