Last Updated: Saturday, November 16, 2013, 20:57

नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी के नजदीकी सहयोगी द्वारा एक युवती की कथित अवैध जासूसी करने के आरोप पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पुनर्विचार करने की कांग्रेस की मांग को मुख्य विपक्षी दल ने आज ठुकरा दिया जबकि केन्द्र में सत्ताधारी दल ने कहा कि गुजरात का यह वाकया नागरिक स्वतंत्रता पर ‘निर्लज्ज हमला’ है।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस तरह के हजारों बेबुनियाद आरोप लगें तो भी हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर फिर से विचार करने का कोई सवाल नहीं है। हम काफी पहले कह चुके हैं कि हमें चिंता है कि चुनाव करीब आने पर कांग्रेस की ‘गंदे खेल करने वाली शाखा’ मोदी के खिलाफ इस तरह के आधारहीन आरोप लगाएगी।
वह कानून मंत्री कपिल सिब्बल की इस मांग पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि भाजपा प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होगी क्योंकि आरोप बहुत गंभीर हैं। सिंह ने कहा कि ये आरोप लगाने के बजाय, कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है।
उन्होंने इस पर भी आश्चर्य जताया कि कोबरा पोस्ट को काल डिटेल कैसे मिले जबकि अवैध निगरानी करने वाले आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल ने सीबीआई को दस्तावेज सौंपे थे। सिंह ने कहा कि सिंघल को सीबीआई की मदद से जमानत मिली थी। वह तुलसी प्रजापति मुठभेड़ में भी शामिल था लेकिन फिर भी उसे जमानत मिल गई।
दो वेबपोर्टलों ने मोदी के करीबी सहयोगी और पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह पर वर्ष 2009 में एक युवती की अवैध जासूसी कराने के लिए अपनी शक्तियों और पुलिस मशीनरी का दुरूपयोग करने का कल आरोप लगाया है। माकपा ने इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 16, 2013, 20:57