Last Updated: Saturday, January 4, 2014, 19:17
नई दिल्ली : लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा ने आज एक अदालत में दावा किया कि उसे भारत में गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि दिल्ली पुलिस उसे नेपाल से लाई है और अदालत पुलिस को उसके खिलाफ लंबित मामलों का ब्योरा पेश करने के लिए कहे। टुंडा उन 20 आतंकवादियों में से एक है जिसे मुंबई हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को सौंपने को कहा था।
पिछले साल 16 अगस्त को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के हाथों कथित रूप से भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार टुंडा ने कहा कि पुलिसकर्मी ‘वास्तव में उसे नेपाल से भारत लाए थे।’ वकील एम.एस. खान के मार्फत यहां एक अदालत में दायर अपनी याचिका में 72 वर्षीय टुंडा ने यह भी कहा कि पुलिस को उसके खिलाफ लंबित मामलों के ब्योरे पेश करने का निर्देश दिया जाए।
उसने कहा कि यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह 1994 से 1998 के बीच दिल्ली और अन्य राज्यों में 20 से ज्यादा आतंकवादी हमलों में संलिप्त है, लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस ने उसे सिर्फ चार मामलों में गिरफ्तार किया है। टुंडा ने कहा कि यह पता नहीं है कि जैसा आरोप लगाया जा रहा है उसके खिलाफ क्या और भी मामले लंबित हैं और ‘आरोपित को यह जानने और सुनवाई करने की मांग करने या उसे उपलब्ध कानूनी सुविधा का उपयोग करने का अधिकार है।’
याचिका में कहा गया है कि विशेष प्रकोष्ठ थाना प्रभारी को निर्देश जारी किया जाए कि आवेदनकर्ता.आरोपित को उसके खिलाफ लंबित बाकी मामलों के ब्योरे दिए जाएं और अगर आवश्यक हो तो उसे गिरफ्तार किया जाए। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित बंसल ने टुंडा की याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई के लिए 10 जनवरी की तारीख तय की।
इस बीच, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश ने 1997 के सदर बाजार विस्फोट मामले में आरोप तय करने पर दलीलें सुनने के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की। इस मामले में विशेष प्रकोष्ठ टुंडा के खिलाफ पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुका है। न्यायिक हिरासत में बंद टुंडा को भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 307 और 120-बी के तहत आरोपित किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 4, 2014, 19:17