Last Updated: Tuesday, January 21, 2014, 21:20
पटना : लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने आज कहा कि गठबंधन को लेकर निर्णय कांग्रेस पर छोड रखा है और उसे सुझाव दिया है कि वह इस संबंध में निर्णय इस महीने के अंत तक ले ले। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने आज कहा कि गठबंधन को लेकर निर्णय कांग्रेस पर छोड रखा है और वह जहां जाएगी लोजपा उसके साथ होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वे राजद या जदयू के साथ जाएंगे तो पासवान ने कहा कि यह उन्होंने कांग्रेस पर छोड रखा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उन्होंने सुझाव दिया है कि वह गठबंधन को लेकर निर्णय इस महीने के अंत तक ले ले ताकि अगले महीने में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाने पर तैयारी के लिए प्रयाप्त समय मिल सके। यह पूछे जाने पर कि पिछले बार की तरह इस बार भी अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लडने का निर्णय लेती है तब वे क्या करेंगे, इस पर पासवान ने कहा कि उनके दल के नेता बैठकर आगे की रणनीति के बारे में विचार करेंगे। पासवान ने कहा कि लोजपा ने पूर्व में ही घोषणा कर दी है कि वे कांग्रेस के साथ हैं और वह गठबंधन के साथ जाएगी उनकी भी पार्टी उसमें शामिल रहेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा उनकी तारीफ पर पासवान ने नीतीश को धन्यवाद देते हुए उन्हें अपना पुराना मित्र बताया। उन्होंने कहा कि वह और नीतीश एक ही स्कूल (समाजवादी विचाराधारा) से पढे हुए हैं और यह समय का तकाजा है कि हम लोग अलग-अलग राजनीतिक दल में हैं। पासवान ने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव के समय नीतीश उनके पास आए थे और उनसे मुख्यमंत्री बन जाने को कहा था क्योंकि लोगों ने राजद के खिलाफ जनमत दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात में हुए दंगे के बाद भाजपा से नाता तोडते हुए राजग से अलग होने के बाद उस समय भी हमने कहा था कि न हम भाजपा के साथ जाएंगे और न ही राजद के साथ जाएंगे। पासवान ने कहा कि जदयू के साथ उनका उस समय भी मतभेद नहीं था और जदयू, लोजपा और निर्दलीय सदस्यों को साथ लेने के बावजूद भी सरकार नहीं बन पा रही थी इसलिए नीतीश के उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। भाजपा से नाता तोड चुकी जदयू को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताते हुए पासवान ने कहा कि अन्य धर्मनिरपेक्ष नेताओं की तरह ही नीतीश भी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 21, 2014, 21:20