Last Updated: Monday, January 27, 2014, 19:43

नई दिल्ली : राजनीतिक दलों के वित्तपोषण में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के चुनाव आयोग के कदम पर पार्टियों का रुख विभाजित है और कांग्रेस ने जहां इस प्रस्ताव का विरोध किया है वहीं भाजपा इस मुद्दे अपनी प्रतिक्रिया देने में ही असफल रही है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से उनके विचार मांगे हैं कि जिस तरीके से उन्हें वित्तपोषण प्राप्त होता है और वे उसे खर्च करते, उसमें पारदर्शिता लायी जाए। आयोग के इस कदम का उद्देश्य चुनाव अभियान में कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगाना है।
चुनाव आयोग ने प्रस्ताव किया है कि पार्टियां अपने कोष में आने वाले 20 हजार या उससे उपर के चंदा और 20 हजार या उससे ऊपर खर्च की जाने वाली राशि की रसीद दें। उसने यह भी सुझाव दिया कि राजनीतिक दल कोई भी भुगतान या तो चेक या इंटरनेट बैंकिंग से करें।
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के निदेशक राम नाथ झा द्वारा दायर एक आरटीआई के अनुसार कांग्रेस ने जहां सभी सुझावों को खारिज कर दिया है वहीं भाजपा तय समय में अपना जवाब देने में असफल रही है। यद्यपि भाजपा पदाधिकारियों ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर अपने विचार चुनाव आयोग द्वारा 4 फरवरी को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में रखेंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 27, 2014, 19:43